'ताइवान के पूर्व मेयर पर भ्रष्टाचार के आरोप, 28 साल की सजा का खतरा - क्या बच पाएंगे?'
ताइवान के राष्ट्रपति पद के पूर्व उम्मीदवार और ताइपे के पूर्व मेयर को वेन-जे पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। उन पर अपने मेयर रहते हुए रिश्वत लेने और चंदे में गड़बड़ी करने का आरोप है। अगर वे दोषी पाए गए, तो उन्हें 28 साल से ज्यादा की सजा हो सकती है। क्या वेन-जे इस आरोप से बच पाएंगे या ताइवान में भ्रष्टाचार पर सख्त कदम उठाए जाएंगे? जानें पूरी कहानी!
Corruption Charges: ताइवान की राजनीति में एक बड़ा तूफान उठा है, जहां राष्ट्रपति पद के चुनाव में अपनी किस्मत आज़मा चुके एक नेता पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। ये नेता हैं 'ताइवान पीपुल्स पार्टी' के संस्थापक और ताइपे के पूर्व मेयर को वेन-जे। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान रिश्वत ली और राजनीतिक चंदों में गड़बड़ी की। यदि वे दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें 28 साल से अधिक की सजा हो सकती है।
क्या हैं आरोप और सजा की संभावनाएं?
ताइपे के अभियोजकों ने बृहस्पतिवार को को वेन-जे पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए। आरोप के अनुसार, वेन-जे ने अपने मेयर रहते हुए ताइपे में निर्माण कार्यों के लिए नियमों में छूट देने के बदले रिश्वत ली। इन आरोपों में राजनीति के चंदे में हेराफेरी का भी आरोप है। अभियोजकों का कहना है कि ताइपे में ‘कोर पैसिफिक सिटी’ नामक समूह से जुड़े विकास कार्यों में गड़बड़ी की गई। वेन-जे पर यह आरोप है कि उन्होंने शहर में कई निर्माण संबंधी नियमों को नज़रअंदाज किया और बदले में रिश्वत ली।
अगर वेन-जे दोषी पाए जाते हैं, तो उन्हें कम से कम 28.5 साल की सजा हो सकती है। हालांकि, वेन-जे ने इन सभी आरोपों को सिरे से नकारा है और इन भ्रष्टाचार के आरोपों का विरोध किया है। उन्होंने कहा है कि यह आरोप पूरी तरह से गलत और निराधार हैं।
राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल रहे वेन-जे का करियर
को वेन-जे ताइवान की राजनीति में एक चर्चित चेहरा रहे हैं। 2014 में वह ताइपे के मेयर बने और 2022 तक दो कार्यकाल पूरे किए। इसके बाद उन्होंने 2019 में 'ताइवान पीपुल्स पार्टी' की स्थापना की, जिससे उन्होंने राजनीति में अपनी अलग पहचान बनाई। 2024 में, वेन-जे ने राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ा, हालांकि वह तीसरे स्थान पर रहे, लेकिन उन्होंने युवा मतदाताओं को अपनी ओर आकर्षित किया।
ताइवान की राजनीति में ‘नेशनलिस्ट पार्टी (कुओमिंगटांग)’ और ‘डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी’ का ही दबदबा रहा है, लेकिन वेन-जे की पार्टी ने एक नई दिशा दी और ताइवान की राजनीति में तीसरा विकल्प बनकर उभरी। उनके इस भ्रष्टाचार कांड ने ताइवान की राजनीति में हलचल मचा दी है, खासकर उन लोगों के बीच जो उनकी पार्टी और विचारधारा से प्रभावित थे।
राजनीतिक सफर और आरोपों का प्रभाव
वेन-जे का राजनीतिक सफर अब एक अहम मोड़ पर आ खड़ा हुआ है। जिन मुद्दों को लेकर उन्होंने राजनीति में कदम रखा था, आज वही मुद्दे उनकी छवि पर भारी पड़ रहे हैं। भ्रष्टाचार के आरोप न केवल उनकी पार्टी के लिए एक बड़ा झटका हैं, बल्कि यह ताइवान के चुनावी परिदृश्य में भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं।
अब सवाल यह उठता है कि ताइवान में भ्रष्टाचार को लेकर कितनी सख्ती दिखाई जाएगी और को वेन-जे पर लगे आरोपों का असर ताइवान की राजनीति पर किस हद तक पड़ेगा। एक तरफ जहां वेन-जे के समर्थक उनके निर्दोष होने का दावा कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ विपक्षी दल और जनता उनसे जवाब मांग रहे हैं।
भ्रष्टाचार पर कठोर सजा का संदेश
अगर वेन-जे दोषी पाए जाते हैं, तो ताइवान में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कानूनों का संदेश जाएगा। यह ताइवान सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है, खासकर तब जब एक बड़े नेता पर ऐसे आरोप लगाए जा रहे हों। इस मामले में ताइवान की न्याय व्यवस्था और सरकार की ओर से भविष्य में क्या कदम उठाए जाएंगे, यह देखना दिलचस्प होगा।
ताइवान में चल रहे इस राजनीतिक उथल-पुथल के बीच, को वेन-जे के खिलाफ कार्रवाई से यह साफ संदेश जाएगा कि भ्रष्टाचार चाहे जितना भी बड़ा क्यों न हो, उसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।