Henry Kissinger Death: अमेरिका के पूर्व विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर का 100 साल की आयु में निधन

Henry Kissinger Death: वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर का बुधवार को 100 वर्ष की आयु में कनेक्टिकट में उनके घर पर निधन हो गया.

Shabnaz Khanam
Edited By: Shabnaz Khanam

Henry Kissinger Death: हेंज अल्फ्रेड किसिंजर का जन्म 27 मई, 1923 को जर्मनी के फर्थ में हुआ था. वह 12 वर्ष के थे जब नूर्नबर्ग कानूनों ने जर्मनी के यहूदियों से उनकी नागरिकता छीन ली थी. न्यूयॉर्क में एक रिश्तेदार द्वारा प्रायोजित, किसिंजर और उनका परिवार अगस्त 1938 में जर्मनी छोड़कर अमेरिका चले गए. अमेरिका जाने के बाद वह हेनरी बन गए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक ही समय में व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और अमेरिकी विदेश मंत्री बनने वाले एकमात्र व्यक्ति के रूप में, उनका अमेरिकी विदेश नीति पर नियंत्रण था.

कैसे हुई मौत?

पूर्व अमेरिकी विदेश मंत्री हेनरी किसिंजर का बुधवार को 100 वर्ष की आयु में उनके घर पर निधन हो गया. किसिंजर की मृत्यु की घोषणा उनकी परामर्श फर्म ने एक बयान में दी गई है, लेकिन उनकी मौत का कारण नहीं बताया गया है. 

नोबेल शांति पुरस्कार विजेता

किसिंजर और वियतनाम के ले डक थो को गुप्त वार्ता के लिए नोबेल शांति पुरस्कार मिला, जिसके कारण 1973 का पेरिस समझौता हुआ और वियतनाम युद्ध में अमेरिकी सेना की भागीदारी समाप्त हो गई. वह निक्सन के चीन के ऐतिहासिक उद्घाटन के वास्तुकार भी थे. रिपोर्ट के अनुसार, सोवियत संघ के साथ अलगाव के सिद्धांतकार के रूप में, किसिंजर ने नीतिगत बदलावों के लिए बहुत सारा श्रेय उनको जाता है.

उनकी बीजिंग यात्रा अमेरिका और चीन के बीच तनावपूर्ण संबंधों के बीच हुई. विशेष रूप से, अमेरिका और चीन के बीच संबंध तब तनावपूर्ण हो गए जब तत्कालीन अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी ने अगस्त 2022 में ताइवान का दौरा किया, जिसे चीन अपने क्षेत्र के हिस्से के रूप में दावा करता है. 

देश में सबसे प्रशंसित व्यक्ति का खिताब

अपने जर्मन उच्चारण, तेज़ बुद्धि, और हॉलीवुड में सामाजिक मेलजोल के उत्साह के कारण उन्हें तुरंत दुनिया भर में पहचान मिल गई. रिपोर्ट में कहा गया है कि जब उन्हें अमेरिकी विदेश मंत्री बनाया गया, तो गैलप सर्वेक्षण में उन्हें देश में सबसे प्रशंसित व्यक्ति का खिताब मिला. शत्रुतापूर्ण विरोध के डर से उन्होंने नोबेल पुरस्कार स्वीकार करने के लिए ओस्लो जाने से परहेज किया था. 

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30 November 2023, 10:16 AM IST

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