रूस से परमाणु युद्ध की तैयारी में जुटा फ्रांस, किया बड़ा ऐलान
बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के बीच फ्रांस ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है. फ्रांस ने ऐलान किया है कि वह एक नया परमाणु हमला करने में सक्षम एयरबेस बनाएगा. यहां 40 अत्याधुनिक राफेल फाइटर जेट तैनात किए जाएंगे. ये जेट F5 मानक के होंगे. इनमें हाइपरसोनिक मिसाइल भी लगी होंगी. यह नया एयरबेस लूक्सेइल में स्थित होगा.

यूरोप में बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के बीच फ्रांस ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है, जो यूरोपीय देशों के लिए राहत की खबर साबित हो सकती है. फ्रांस ने ऐलान किया है कि वह एक नया परमाणु हमला करने में सक्षम एयरबेस बनाएगा, जहां 40 अत्याधुनिक राफेल फाइटर जेट तैनात किए जाएंगे. ये जेट F5 मानक के होंगे और इनमें हाइपरसोनिक मिसाइल भी लगी होंगी. यह नया एयरबेस लूक्सेइल में स्थित होगा. इसे बनाने के लिए फ्रांस सरकार 1.6 अरब डॉलर का निवेश करेगी.
यह घोषणा ऐसे समय पर की गई है जब यूरोपीय देशों में रूस के परमाणु हमले के खतरे को लेकर डर बढ़ रहा है. डोनाल्ड ट्रंप नाटो देशों के लिए अपनी सुरक्षा प्रतिबद्धताओं से पीछे हट रहे हैं. इस स्थिति में यूरोपीय देशों को अपनी सुरक्षा मजबूत करने की जरूरत महसूस हो रही है. फ्रांस का यह कदम यूरोपीय देशों की बढ़ती चिंताओं के बीच अपनी परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को सशक्त बनाने की दिशा में उठाया गया है.
नए एयरबेस का ऐलान
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने मंगलवार को इस नए एयरबेस का ऐलान किया और बताया कि 2035 तक इस एयरबेस में ASN4G नामक नई हाइपरसोनिक मिसाइल भी तैयार हो जाएगी. पहले स्क्वाड्रन को 2032 तक तैनात कर दिया जाएगा, जबकि दूसरा स्क्वाड्रन 2036 तक एयरबेस पर पहुंच जाएगा. फ्रांस ने पहले ही 42 अतिरिक्त राफेल फाइटर जेट का आदेश दिया है, जो ASN4G मिसाइल दागने में सक्षम होंगे और लॉयल विंगमैन ड्रोन के साथ मिलकर दुश्मन पर हमला कर सकेंगे.
फ्रांस की वायुसेना और स्पेस फोर्स के लिए यह कदम महत्वपूर्ण है, क्योंकि फ्रांस के पास पहले से ही तीन एयरबेस हैं. सेंट डिजिएर, इस्तरेस और अवोर्ड, जहां परमाणु बम रखे गए हैं. इन एयरबेस पर 50 राफेल विमान तैनात हैं, जो ASMP-A सुपरसोनिक मिसाइल से लैस हैं. इन विमानों के लिए एयरबस A330 MRTT हवाई टैंकर भी उपलब्ध है, जो इन विमानों को हवा में ईंधन भरने की सुविधा प्रदान करता है.
40 नए राफेल विमानों की तैनाती
विशेषज्ञों के अनुसार, यह नया एयरबेस और 40 नए राफेल विमानों की तैनाती फ्रांस की परमाणु प्रतिरोधक क्षमता को बड़े पैमाने पर विस्तार देगी. इससे फ्रांस के पास तैनात परमाणु बमों की संख्या भी बढ़ जाएगी, जो पहले 2015 में 54 थे. इस घोषणा के साथ फ्रांस ने अमेरिका और रूस दोनों को यह संदेश दिया है कि वह अपनी सुरक्षा के लिए अब खुद पर निर्भर है.