प्रधानमंत्री बनने से लेकर इस्तीफे तक...पढ़िए जस्टिन ट्रूडो के 7 अहम पहलू

जस्टिन ट्रूडो को भारत से पंगा लेना अब महंगा पड़ता दिख रहा है. जानकारी के अनुसार आज ट्रूडो अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार बुधवार को कनाडाई मंत्रियों की बैठक से पहले ही ट्रूडो को ये घोषणा करनी है इसलिए वो आज ही इस्तीफा दे सकते हैं.

Deeksha Parmar
Edited By: Deeksha Parmar

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया है. यह खबर उनके इस्तीफे से पहले रॉयटर्स और ग्लोब एंड मेल द्वारा रिपोर्ट की गई थी. उनके इस्तीफे की घोषणा के साथ ही कनाडा की राजनीति में बड़े बदलाव होने की चर्चा शुरू हो गई है. इस बीच आज हम आपको उनके कार्यकाल के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं तो चलिए जानते हैं.

जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे के बाद कनाडा में एक नई राजनीतिक दिशा का आगमन हो सकता है. उनके कार्यकाल ने देश की राजनीति में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए, लेकिन उनके इस्तीफे को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं.

2019 और 2021 में चुनावों में जीत

जस्टिन ट्रूडो ने 2019 और 2021 में लगातार दो चुनावों में अपनी लिबरल पार्टी का नेतृत्व किया. 2019 में उनकी पार्टी ने मामूली अंतर से चुनाव जीते और अल्पमत सरकार बनाई. 2021 में हुआ चुनाव दो साल पहले था, और इसमें उन्होंने कंजर्वेटिव पार्टी के खिलाफ कड़ी टक्कर के बाद जीत हासिल की.

भांग का वैधीकरण

2018 में ट्रूडो की सरकार ने कनाडा में मनोरंजन के लिए भांग के उपयोग को वैध कर दिया. यह ऐतिहासिक कदम था, जिसका उद्देश्य भांग का नियंत्रण और विनियमन करना था. 

जलवायु परिवर्तन पर कार्य

ट्रूडो की सरकार ने 2030 तक कनाडा के कार्बन उत्सर्जन को 30% तक कम करने का लक्ष्य निर्धारित किया. उन्होंने राष्ट्रीय कार्बन मूल्य निर्धारण योजना शुरू की, जिससे पर्यावरण को बेहतर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाए गए.

कोविड-19 पर प्रतिक्रिया

कोविड-19 महामारी के दौरान, ट्रूडो ने कनाडाई नागरिकों और व्यवसायों के लिए आपातकालीन राहत कार्यक्रम शुरू किए. उन्होंने 1 बिलियन डॉलर से अधिक का कोविड-19 रिस्पॉन्स फंड स्थापित किया, जिससे देश के स्वास्थ्य और आर्थिक संकट से निपटने में मदद मिली.

विदेश नीति और कूटनीति

ट्रूडो के कार्यकाल में कनाडा और भारत के संबंध तनावपूर्ण हो गए. साथ ही, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा को निशाना बनाते हुए कनाडाई वस्तुओं पर 25% टैरिफ लगाने की धमकी दी थी. 

नैतिक विवाद

जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व के दौरान कई नैतिक विवाद उठे. इनमें एसएनसी-लवलीन मामला और हितों के टकराव के आरोप शामिल थे. इन विवादों ने उनकी छवि को प्रभावित किया.

आवास और आव्रजन संकट

ट्रूडो की सरकार पर आवास और आव्रजन संकट को ठीक से नहीं संभालने का आरोप लगा. उनकी लिबरल पार्टी के शासन के दौरान, फास्ट ट्रैक स्टडी वीज़ा कार्यक्रम को भी समाप्त कर दिया गया था, जिसे लेकर विपक्षी नेताओं ने आलोचना की थी.

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06 January 2025, 12:54 PM IST

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