पठानकोट से पहलगाम तक... हर हमले में क्यों आता है असीम मुनीर का नाम?
भारत में पठानकोट, पुलवामा और हालिया पहलगाम जैसे बड़े आतंकी हमलों के पीछे एक ही शख्स का नाम सामने आ रहा है वो है पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर. खुफिया एजेंसियों के अनुसार, मुनीर न केवल इन हमलों की योजना में शामिल रहे, बल्कि उन्होंने लश्कर और जैश जैसे संगठनों को सीधा समर्थन भी दिया.

भारत में हुए कई बड़े आतंकी हमलों के पीछे एक ही शख्स का नाम बार-बार सामने आ रहा है. यह शख्स है पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर, जो इन हमलों के कर्ताधर्ता माने जा रहे हैं. खुफिया सूत्रों के मुताबिक, पठानकोट हमले, 2019 के पुलवामा हमले से लेकर 2025 में पहलगाम में हुए ताजा आतंकी हमले तक, हर साजिश की योजना असीम मुनीर ने बनाई है. मुनीर का आतंकी संगठनों से गहरा नाता और भारत के खिलाफ उनकी नफरत पाकिस्तान के दोहरे चरित्र को उजागर करता है.
असीम मुनीर का जन्म 1968 में पाकिस्तान में हुआ था, और वह कट्टरपंथी विचारधारा के समर्थक रहे हैं. उनका परिवार ‘हाफिज परिवार’ के नाम से जाना जाता है, क्योंकि उनके कई परिवार के सदस्य कुरान को पूरी तरह कंठस्थ करते हैं. मुनीर का इस्लामिक कट्टरपंथी सोच से गहरा संबंध है, जो उनकी साजिशों को और भी खतरनाक बनाता है. जब से वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के प्रमुख बने, तब से उन्होंने भारत के खिलाफ कई आतंकी हमलों की साजिशों को बढ़ावा दिया.
मुनीर के नेतृत्व में आतंकी साजिशें
2018 में जब असीम मुनीर को पाकिस्तान के ISI प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया, तब से उन्होंने भारत के खिलाफ कई बड़ी साजिशें रचीं. सबसे प्रमुख था 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड होना. इस हमले के बाद, भारत ने 26 फरवरी को बालाकोट में एयरस्ट्राइक की, लेकिन मुनीर ने पाकिस्तान सरकार पर भारत के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने का दबाव डाला, जोकि असफल रहा. इसके बाद, उन्हें ISI प्रमुख के पद से हटा दिया गया, लेकिन उनके आतंकी अभियानों की साजिशें थमने का नाम नहीं ले रही थी.
आतंकियों से गहरे रिश्ते
पाकिस्तान सेना प्रमुख बनने के बाद मुनीर ने भारत के खिलाफ कई आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा दिया. लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज सईद को जेल से रिहा करवाने और जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर को सरकारी संरक्षण देने में भी मुनीर का महत्वपूर्ण हाथ था. मुनीर के इन आतंकवादी संगठनों से गहरे संबंध हैं, जो उनकी साजिशों को और खतरनाक बनाते हैं. इन आतंकी संगठनों के प्रमुख अब भी पाकिस्तान में सरकारी सुविधाओं का लाभ उठा रहे हैं, और मुनीर की भूमिका इन घटनाओं में अहम मानी जाती है.
पहलगाम हमले में मुनीर का हाथ?
खुफिया एजेंसियों का मानना है कि पिछले कुछ महीनों से कश्मीर में बड़ी आतंकी साजिश रची जा रही थी, जिसमें असीम मुनीर का भी हाथ था. एक खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, मुनीर ने कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियों को लेकर एक बैठक में भाग लिया था. इसके अलावा, लश्कर-ए-तैयबा के डिप्टी चीफ सैफुल्लाह कसूरी को पाकिस्तानी सेना के कोर कमांडर कार्यालय में बुलाकर उसे सम्मानित किया गया. पहलगाम में हुए आतंकी हमले के पीछे भी मुनीर का दिमाग बताया जा रहा है, और यह हमला उनकी साजिश का हिस्सा हो सकता है.
भारत-पाकिस्तान के रिश्ते और बिगड़ेंगे?
पाकिस्तान में स्थित आतंकवादियों को भारत पर हमले करने के लिए प्रेरित करने के बावजूद, मुनीर की नफरत भारत के खिलाफ अब भी जारी है. हालांकि, भारत और पाकिस्तान के रिश्ते पहले से ही तनावपूर्ण हैं, मुनीर के नेतृत्व में पाकिस्तान की सेना ने न केवल आतंकवादियों को प्रोत्साहित किया है, बल्कि भारत में बड़े हमलों को अंजाम देने के लिए इन संगठनों को समर्थन भी दिया है. अब, पहलगाम हमले के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां मुनीर के खिलाफ और सख्त कदम उठा सकती हैं.


