स्टडी परमिट से लेकर PR तक...ट्रूडो के ये 5 फैसले बने भारत के लिए टेंशन, पढ़ाई के रास्ते हुए मुश्किल
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने हाल ही में अपने पद से इस्तीफे का ऐलान किया है. उनके कार्यकाल में कई फैसले ऐसे हुए, जिन्होंने भारतीय छात्रों और कामगारों के लिए चुनौतियां बढ़ा दीं. पढ़ाई और नौकरी के लिए कनाडा जाने वाले भारतीयों को इन नीतियों के कारण कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. आइए जानते हैं ट्रूडो सरकार के उन 5 फैसलों के बारे में, जिनसे भारतीयों की टेंशन बढ़ी.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने बीते सोमवार को अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया है. इसके बाद से ही वो चर्चा में हैं. इस बीच आज हम आपको उनके उन 5 फैसले के बारे में बताने जा रहे हैं जो भारतीय छात्रों और कामगारों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी. ट्रूडो के इस फैसले से पढ़ाई और नौकरी के लिए कनाडा जाने वाले भारतीयों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा.
दरअसल, ट्रूडो सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान कई ऐसे नियम में बदलाव किए हैं जो भारतीय के लिए टेंशन बन गई. ट्रूडो के इन फैसलों ने कनाडा में बसे भारतीय समुदाय के लिए चुनौतियां खड़ी कर दीं.
स्टडी परमिट की संख्या सीमित करना
कनाडा में पढ़ाई के लिए स्टडी परमिट जरूरी होता है. लेकिन ट्रूडो सरकार ने 2024 में स्टडी परमिट की संख्या घटाकर 3,60,000 कर दी, जो पहले से 35% कम है. इस फैसले से कनाडा में पढ़ाई के लिए आवेदन करने वाले भारतीय छात्रों को बड़ी दिक्कतें हुई.
SDS प्रोग्राम को बंद करना
'स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम' (SDS) प्रोग्राम के जरिए भारतीय छात्रों को 20 दिनों में स्टडी परमिट मिल जाता था. लेकिन नवंबर 2024 में ट्रूडो सरकार ने इस प्रोग्राम को बंद कर दिया. इस प्रोग्राम के बंद हो जाने से छात्रों को रेगुलर प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, जिसमें 8 हफ्ते का समय लगता है.
PGWP के नियमों में बदलाव
ट्रूडो सरकार ने 'पोस्ट ग्रेजुएट वर्क परमिट' (PGWP) के नियमों में बदलाव किए. अब केवल कुछ विशेष क्षेत्रों (जैसे एग्रीकल्चर, हेल्थकेयर, साइंस, और टेक्नोलॉजी) की पढ़ाई करने वाले छात्रों को ही वर्क परमिट दिया जाएगा. इसके अलावा, भाषा की जरूरतों को भी कठिन कर दिया गया जिससे छात्रों को परेशानी होती है.
वित्तीय शर्तों को बढ़ाना
कनाडा में पढ़ाई के लिए छात्रों को अपने वित्तीय संसाधन साबित करने होते हैं. पहले 10,000 डॉलर की राशि पर्याप्त मानी जाती थी, लेकिन जनवरी 2024 से इसे बढ़ाकर 20,000 डॉलर कर दिया गया. ट्रूडो सरकार के इस फैसले से आर्थिक रूप से कमजोर छात्रों को बड़ी परेशानी हुई.
एक्सप्रेस एंट्री में बदलाव
परमानेंट रेजीडेंसी (PR) के लिए सबसे आसान रास्ता एक्सप्रेस एंट्री है. दिसंबर 2024 में ट्रूडो सरकार ने इसे लेकर नए नियम लागू किए, जिनके तहत कनाडा की कंपनी से जॉब ऑफर पर मिलने वाले अतिरिक्त प्वाइंट को हटा दिया गया. इससे नौकरी के बाद पीआर पाने की प्रक्रिया और कठिन हो गई.
नई सरकार से उम्मीदें
अब जब जस्टिन ट्रूडो ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है, भारतीय छात्रों और वर्कर्स को नई सरकार से उम्मीद है कि वह इन फैसलों को बदलेगी और उनकी समस्याओं का समाधान करेगी.