पाकिस्तान में आज आम चुनाव, भारत से रिश्ते को लेकर तीनों दावेदारों का क्या है रुख?
Pakistan Election 2024: पाकिस्तान में अगली सरकार का नेतृत्व करने के लिए यहां तीन मुख्य दावेदार हैं. जबकि इमरान खान जेल में हैं, यहां पाकिस्तान के प्रमुख प्रधानमंत्री उम्मीदवारों की भारत के साथ रिश्ते को लेकर क्या राय है.
Pakistan General Election 2024: आठ फरवरी को पाकिस्तान की संसद के निचले सदन नेशनल असेंबली और चार प्रांतीय विधानसभाओं की 336 सीटों के लिए चुनाव होंगे. समाचार एजेंसी ने बताया कि नेशनल असेंबली और पंजाब, सिंध, खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में चार प्रांतीय विधानसभाओं के लिए लगभग 18,000 उम्मीदवार मैदान में हैं. गुरुवार को 44 राजनीतिक दल मुकाबला करेंगे.
कई महीनों की देरी के बाद पाकिस्तान में आम चुनाव 8 फरवरी को होने वाले हैं. पिछले एक साल में देश राजनीतिक, आर्थिक और यहां तक कि न्यायिक नाटक के केंद्र में रहा है. हालाँकि, कई मतदाता अभी भी ये सोच रहे हैं कि क्या मतदान देश में कोई वास्तविक परिवर्तन ला सकता है.
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इस बीच, पाकिस्तान भी भारत का निकटतम पड़ोसी (या प्रतिद्वंद्वी) है क्योंकि दोनों देशों के बीच कई विवाद अनसुलझे हैं. भारत अक्सर पाकिस्तान पर आतंकवादियों को पनाह देने का आरोप लगाता रहा है, जबकि पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे और सिंधु जल संधि पर भारत से लड़ना चाहता है.
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ऐसे में पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री का भारत पर रुख समझना अहम हो सकता है. तो, यहां पाकिस्तान के प्रधानमंत्री उम्मीदवारों और अतीत में भारत पर उनके रुख पर एक नज़र डालते हैं. अगली सरकार का नेतृत्व करने के लिए यहां तीन मुख्य दावेदार हैं.
नवाज़ शरीफ़
नवाज शरीफ पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के नेता हैं. वह एकमात्र पाकिस्तानी राजनेता हैं जो रिकॉर्ड तीन बार तख्तापलट वाले देश के प्रधानमंत्री बने. हालाँकि, 1993, 1999 और 2017 में प्रत्येक कार्यकाल उनके सत्ता से बाहर होने के साथ समाप्त हो गया है. उन्हें 'पंजाब का शेर' भी कहा जाता है.
नवाज़ शरीफ़ का भारत पर रुख देखें तो उन्होंने अपनी पार्टी के घोषणापत्र में भारत को 'शांति का संदेश' देने का वादा किया. लेकिन यह वादा इस शर्त पर था कि नई दिल्ली कश्मीर पर अपने अगस्त 2019 के फैसले (अनुच्छेद 370 को रद्द करना) को वापस ले लेगी, पाकिस्तानी मीडिया डॉन ने घोषणापत्र के हवाले से ये जानकारी दी थी.
Looking forward to meeting PM Nawaz Sharif in Lahore today afternoon, where I will drop by on my way back to Delhi.
— Narendra Modi (@narendramodi) December 25, 2015
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, नवाज़ शरीफ़ के पास 'भारत के साथ मेलजोल बढ़ाने का एक विश्वसनीय ट्रैक रिकॉर्ड है. रिपोर्ट में कहा गया है कि 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन में नवाज़ शरीफ़ के प्रति नरम रुख है.' नवाज़ के कार्यकाल के दौरान, पीएम मोदी ने अचानक पाकिस्तान का दौरा किया था, जो एक दशक से अधिक समय में पहली ऐसी यात्रा थी.
बिलावल भुट्टो-जरदारी
बिलावल भुट्टो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष हैं. वह दुनिया की पहली मुस्लिम महिला नेता बेनजीर भुट्टो के बेटे हैं, जो दो बार प्रधानमंत्री चुनी गईं और 2007 में उनकी हत्या कर दी गई थी. उनके पिता आसिफ अली जरदारी सितंबर 2008 से सितंबर 2013 तक पाकिस्तान के 11वें राष्ट्रपति रहे.
“آج پوری دنیا دیکھ رہی ہے کہ جہاں ایک طرف مودی کشمیر میں ایک ڈرامہ کرنے کی کوشش کررہا ہے تو دوسری طرف آزاد کشمیر میں کشمیری عوام اپنے کشمیری بہن بھائیوں سے اظہار یکجہتی کرتے ہوئے احتجاج کررہے ہیں۔”
— PPP (@MediaCellPPP) May 23, 2023
وزیر خارجہ اور چیئرمین بلاول بھٹو زرداری@BBhuttoZardari #NoToG20inKashmir pic.twitter.com/M4Z14Xw1EL
बिलावल भुट्टो का भारत पर रुख देखें तो मई 2023 में जब वह पाकिस्तान के विदेश मंत्री थे, उन्होंने अपने नियंत्रण वाले कश्मीर के विवादित क्षेत्र में एक पर्यटन सम्मेलन की मेजबानी के लिए भारत की आलोचना की थी. उन्होंने भारत पर अपने G20 अध्यक्ष पद का 'दुरुपयोग' करने का भी आरोप लगाया. उन्होंने अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर भी आपत्ति जताई थी.
इमरान ख़ान
मुख्य विपक्षी नेता पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान इस साल का आम चुनाव नहीं लड़ सकते. जेल की सज़ा के बाद उन्हें चुनाव लड़ने से रोक दिया गया है. उनकी पार्टी पीटीआई ने 2018 का आम चुनाव जीता था और वह 2022 में अविश्वास मत से बाहर होने तक प्रधान मंत्री बने रहे. जेल में होने के बावजूद इमरान खान का दबदबा अब भी कायम है. मीडिया एजेंसी के मुताबिक, पीटीआई समर्थकों की सहानुभूति और गुस्से का फायदा उठाने और 2018 की अपनी जीत दोहराने की उम्मीद करेगी. लेकिन सेना के साथ जारी गतिरोध के बीच, पीटीआई की संभावनाएं जनरलों के साथ बातचीत पर टिकी हैं, जो कुछ मुश्किल लगती है.
भारत पर इमरान खान का रुख देखें तो जून 2023 में इमरान खान ने कहा था कि वह भारत के साथ एक पारस्परिक संबंध मानते हैं. अमेरिका स्थित एक प्रमुख अटलांटिक काउंसिल के साथ एक इंटरव्यू में उन्होंने यह कहा, 'भारत को कश्मीर के लिए किसी प्रकार का रोड मैप देना था और मैं तब पाकिस्तान में नरेंद्र मोदी का स्वागत करने जा रहा था, लेकिन वह कभी पूरा नहीं हुआ.'
2019 में, इमरान खान ने अपने भारतीय समकक्ष नरेंद्र मोदी से 'शांति को एक मौका देने' के लिए कहा था और उन्हें आश्वासन दिया था कि वह 'अपने शब्दों पर कायम हैं' और अगर नई दिल्ली इस्लामाबाद को पुलवामा हमले पर 'कार्रवाई योग्य खुफिया जानकारी' प्रदान करती है तो वह 'तुरंत कार्रवाई' करेंगे. वहीं, 2021 में इमरान खान ने भारत के साथ युद्धविराम समझौते का स्वागत किया था और कहा था कि इस्लामाबाद बातचीत के माध्यम से 'सभी बाकी मुद्दों' को हल करने के लिए आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं.