क्या गाजा युद्ध पर लगने वाला है विराम? आखिरकार, हमास ने मसौदा समझौते को किया स्वीकार
हमास ने गाजा युद्ध विराम के लिए मसौदा समझौते को स्वीकार कर लिया है. इस मामले में इजरायल ने कहा 'अच्छी खबर की उम्मीद' है. कतर इस वार्ता का प्रमुख मध्यस्थ है, उसने कहा कि समझौते के करीब पहुंचने की प्रक्रिया बहुत सकारात्मक है.
फिलिस्तीनी उग्रवादी समूह हमास ने गाजा पट्टी में युद्धविराम और दर्जनों बंधकों की रिहाई के लिए एक मसौदा समझौते को स्वीकार कर लिया है. एसोसिएटेड प्रेस के अनुसार, इस वार्ता में शामिल दो अधिकारियों ने जानकारी दी कि दोनों पक्षों के बीच यह वार्ता अब अंतिम चरण में पहुँच चुकी है. इजराइल के उप विदेश मंत्री ने भी इस बात का संकेत दिया कि इस समझौते पर कुछ अच्छे समाचार आने की संभावना है. कतर इस वार्ता का प्रमुख मध्यस्थ है, उसने कहा कि समझौते के करीब पहुंचने की प्रक्रिया बहुत सकारात्मक है.
वार्ता में शामिल अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि समझौते के मसौदे को अंतिम रूप दिया जा रहा है. यह इजराइली कैबिनेट के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। अमेरिकी, मिस्र और कतर के मध्यस्थों ने पिछले एक साल से इस संघर्ष को समाप्त करने और 7 अक्टूबर 2023 को हुए हमले के दौरान पकड़े गए बंधकों की रिहाई सुनिश्चित करने के लिए प्रयास किया है.
गाजा में अभी भी लगभग 100 इजरायली बंदी हैं, जिनमें से कई की मौत की आशंका जताई जा रही है. अधिकारियों को उम्मीद है कि यह समझौता 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले पूरा हो जाएगा. कतर के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता माजिद अल-अंसारी ने कहा कि वार्ता सकारात्मक दिशा में बढ़ रही है. वे इसे अंतिम रूप देने के बेहद करीब हैं. हमास ने भी इस समझौते को अपने “अंतिम चरण” में बताया है.
इस संघर्ष ने गाजा क्षेत्र को भारी नुकसान पहुंचाया है, जहां लाखों लोग विस्थापित हो गए हैं और भुखमरी की स्थिति बन गई. गाजा की 2.3 मिलियन की आबादी में से लगभग 90 प्रतिशत लोग बेघर हो चुके हैं. हजारों लोग तंबू शिविरों में रहने को मजबूर हैं. युद्ध के दौरान कई इलाकों को नष्ट कर दिया गया है, जिससे मानवीय संकट गहरा गया है.
18 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत
इजरायली हमलों में हाल ही में 18 फिलिस्तीनी नागरिकों की मौत हो गई है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं. यमन के हूथी विद्रोहियों ने भी इजरायल पर दो मिसाइलें दागी, लेकिन इन हमलों से कोई जनहानि नहीं हुई.
मध्यस्थता के तहत एक तीन चरणों का समझौता प्रस्तावित किया गया है, जिसमें पहले चरण में 33 बंधकों की रिहाई के बदले इजरायल द्वारा फिलिस्तीनी महिलाओं और बच्चों को रिहा किया जाएगा. पहले चरण में, सभी नागरिक बंदियों को मुक्त किया जाएगा, जिनमें जीवित और मृत दोनों शामिल होंगे. इस दौरान, इजरायली सेनाएं गाजा के जनसंख्या केंद्रों से हट जाएंगी और फिलिस्तीनियों को अपने घरों में लौटने की अनुमति दी जाएगी.
बातचीत रहेगी जारी
दूसरे और तीसरे चरण के लिए बातचीत जारी रहेगी. इन चरणों के दौरान हमास को शेष बंधकों की रिहाई के बदले इजरायली सेना की पूरी वापसी का वादा किया जाएगा. हालांकि, हमास ने यह स्पष्ट किया है कि वह तब तक युद्धविराम नहीं स्वीकार करेगा जब तक इजरायल की पूरी वापसी और युद्ध समाप्त नहीं हो जाता. इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पहले ही कहा था कि हमास की सैन्य और शासन क्षमताओं को समाप्त किए बिना इजरायल संघर्ष को समाप्त नहीं करेगा.
इस संघर्ष में कई देशों और समूहों की भागीदारी रही है, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थ के रूप में शामिल होने की उम्मीद की जा रही है. इस युद्ध ने न केवल इजरायल और गाजा के बीच संघर्ष को बढ़ाया है, बल्कि पूरे मध्य पूर्व में भी तनाव को उकसाया है. मिस्र और कतर के बीच हुई मध्यस्थता के बावजूद हमास और इजरायल के बीच यह संघर्ष अभी तक समाप्त नहीं हो सका है.
संभावित शांति समझौते का संकेत
मसौदे में यह भी कहा गया है कि तीसरे चरण में शेष बंधकों के शवों को लौटाया जाएगा और गाजा में पुनर्निर्माण प्रक्रिया शुरू होगी. यह समझौता इस क्षेत्र के लिए एक संभावित शांति समझौते का संकेत हो सकता है, लेकिन इसके लागू होने तक कई चुनौतियाँ सामने आ सकती हैं.