Gaza War: युद्धविराम पर मिस्त्र से चर्चा करेगा हमास, इजरायल की लगातार बमबारी से फलीस्तीनियों की जान बचाना बना चुनौती
Israel Hamas War: गाजा में इजरायली सेना की लगातार जमीनी और हवाई कार्रवाई से फलीस्तीनियों की जान बचाना एक चुनौती बनता जा रहा है, गाजा के स्वास्थ्य विभाग की जानकारी के मुताबिक अब तक 20 हजार लोगों की मौत हो चुकी है.
Israel Hamas War: इजरायली सेना अपने हथियारों के साथ गाजा में शहरों से लेकर गांवों तक घुस आई है, यहां पर आईडीएफ जमीनी और हवाई कार्रवाई कर रही है. वार के बीच हमास ने कहा कि उसका एक प्रतिनिधिमंडल सीजफायर करवाने के लिए शुक्रवार को मिस्त्र जाएगा. कुछ मीडिया और राजनीति विश्लेषकों का मानना है कि सात अक्टूबर को हमास द्वारा हमले के बाद से इजरायल ने कसम खाई है कि वह गाजा को पूरी तरह से खत्म कर देगा और सभी फलीस्तीनियों को दूसरे देश में प्रवास करवाने का काम भी शुरू कर दिया है.
गाजा में 85 फीसदी लोग कर चुके हैं प्रवास
23 लाख की आबादी वाले राज्य गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद से लगभग 85 फीसदी आबादी दूसरी जगहों पर प्रवास कर चुकी है, अब लोग वहां पर रहे हैं उनको बुनियादी सुविधाओं से भी दूर रहने पड़ रहा है. उत्तर और दक्षिणी गाजा में इजरायली सेना लगातार बमबारी कर रही है और फलीस्तीनियों से गाजा छोड़ने के लिए कह रही है. आईडीएफ गाजा के शहरों-कस्बों में घुस आई है. जहां पर वह हमास को निशाना बनाने के साथ सिविलियन को भी मार रही है.
जाने बचाने के लिए मिस्त्र की सीमा पर पहुंचे लोग
कई फलीस्तीनी तो अपनी जान बचाने के लिए मिस्त्र की सीमा की ओर भाग रहे हैं, इजरायल के हवाई हमले में 20 लोगों की मारे जाने की सूचना मिली है और 55 से अधिक लोग घायल हो गए हैं. सेना की कार्रवाई के कारण अब पूरा इलाका आम लोगों के रहने के लिए नहीं बचा है. बता दें कि गाजा में युद्ध के बीच संयुक्त राष्ट्र राहत सामग्री पहुंचाने के लिए प्रस्ताव पारित कर चुका है. लेकिन अब उसके लिए सबसे बड़ी मुश्किल है कि वह इस सामान को लोगों तक कैसे पहुंचाए? क्योंकि युद्ध जमीनी और हवाई दोनों स्तर पर चल रहा है. अब लोगों के पास इलाज के साथ ही खाद्य वस्तु भी नहीं बची हैं.
गाजा में जमीनी कार्रवाई के साथ हवा में युद्ध चलाया जा रहा है
जमीन पर कार्रवाई करने वाली इजरायली सेना हवाई फायरिंग के माध्यम से कवर अप दे रही है, इसके कारण यूनिस में सैकड़ों लोग मारे जा चुके हैं. वहीं, गाजा की बात की जाए तो मरने वालों की संख्या 21 के पार हो चुकी है. 56 हजार लोग घायल हो चुके हैं. दूसरी तरफ इस युद्ध में 169 सैनिक मारे गए हैं और 900 से ज्यादा घायल हुए हैं.