Israel Gaza War: हमास के सैकड़ों आतंकियों ने IDF के सामने टेके घुटने, सामने आया VIDEO
Israel Gaza conflict: गाजा में शुक्रवार सुबह हमास के सैकड़ों आतंकियों के आत्मसमर्पण की घटना ने क्षेत्र की स्थिति को नया मोड़ दे दिया है. हथियार डालते आतंकियों का यह दृश्य जहां सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है, वहीं मानवाधिकारों और क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर सवाल भी खड़े करता है.
Israel Gaza War: गाजा पट्टी में शुक्रवार (27 दिसंबर) को एक बड़ी घटना सामने आई जब हमास के सैकड़ों आतंकवादियों ने इजराइली सुरक्षा बलों (IDF) के सामने आत्मसमर्पण कर दिया. यह घटनाक्रम गाजा में लंबे समय से चल रहे संघर्ष और क्षेत्रीय अस्थिरता की ओर इशारा करता है.
सैकड़ों आतंकियों का सरेंडर
बता दें कि रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह आत्मसमर्पण एक विशेष सैन्य अभियान के दौरान हुआ. हमास के हथियारबंद लड़ाके और अन्य उग्रवादी संगठनों के सदस्य बड़ी संख्या में IDF के सामने घुटने टेकते देखे गए. स्थानीय नागरिकों ने इसे राहत की उम्मीद के रूप में देखा है, जबकि सुरक्षा विशेषज्ञ इसे इसराइल के लिए एक बड़ी जीत मान रहे हैं.
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— Open Source Intel (@Osint613) December 27, 2024
Mass surrender in Gaza this morning pic.twitter.com/hcS4cy2VGG
गाजा में बढ़ती हिंसा और अंतरराष्ट्रीय नजरें
आपको बता दें कि गाजा क्षेत्र में पिछले कुछ हफ्तों से हिंसा में तेजी आई है. इस आत्मसमर्पण के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय की नजरें फिर से इस क्षेत्र पर टिकी हुई हैं. कई देशों ने शांति बहाल करने के लिए कूटनीतिक प्रयासों को बढ़ावा देने की बात कही है. हालांकि, कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटनाक्रम केवल अस्थायी शांति का संकेत हो सकता है, क्योंकि क्षेत्र में हिंसा का खतरा अभी भी बना हुआ है.
पुराना विवादित वीडियो आया चर्चा में
वहीं आपको बता दें कि इस घटना के बीच, 2013 का एक विवादित वीडियो भी फिर से चर्चा में है, जिसमें गाजा के फिलिस्तीनियों को सरेंडर करते समय कपड़े उतरवाकर खड़ा दिखाया गया था. यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी आलोचना का कारण बना था और इसे मानवाधिकारों के उल्लंघन का उदाहरण बताया गया था.
क्या कहता है भविष्य?
इसके अलावा आपको बता दें कि हमास के आतंकियों का आत्मसमर्पण क्षेत्र में शांति स्थापना की दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है. हालांकि, गाजा में मौजूदा तनाव और हिंसा की स्थिति को देखते हुए स्थायी समाधान के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों की आवश्यकता है.