इस्लाम में हराम लेकिन इस मुस्लिम देश में कंडोम पर खर्च हुए 50 मिलियन डॉलर, अब ट्रंप ने लगाया बैन
Muslim Country: अमेरिका ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में गाजा में यौन संचारित बीमारियों से बचाव के लिए 50 मिलियन डॉलर खर्च किए, जो लगभग 4.3 अरब रुपये के बराबर है. इस पर विवाद खड़ा हो गया है, और अब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इसे धन की बर्बादी बताते हुए विदेशी सहायता पर रोक लगा दी है. ट्रंप प्रशासन का कहना है कि यह अमेरिकी करदाताओं के पैसे की अव्यवस्थित खपत है.

Muslim Country: अमेरिका अपनी खुफिया एजेंसियों के जरिए दुनिया भर में कई प्रकार के अभियान चलाता है, जिन पर वह अरबों-खरबों रुपये खर्च करता है. इस बीच, अमेरिका में एक बड़ा खुलासा हुआ है कि पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में अमेरिकी प्रशासन ने एक मुस्लिम इलाके में कंडोम के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए 50 मिलियन डॉलर खर्च किए. रुपये में यह राशि लगभग 4.32 अरब से अधिक है. यह खर्च विवादों का कारण बन गया है, और अब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इसे 'धन की बर्बादी' बताते हुए विदेशी सहायता पर रोक लगा दी है.
ट्रंप प्रशासन ने पिछले सप्ताह सभी विदेशी सहायता पर रोक लगा दी है, जिसमें गाजा के लिए कंडोम खरीदने की राशि भी शामिल है. यह कदम बाइडेन प्रशासन के फैसले के खिलाफ है, जिसने गाजा को इस तरह की सहायता देने का समर्थन किया था.
इस्लामिक समाज में कंडोम के इस्तेमाल को लेकर आलोचना
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडन के कार्यकाल में गाजा में कंडोम के लिए 50 मिलियन डॉलर की मदद दी गई थी. यह कदम विवादों का कारण बन गया है, खासकर इस्लामिक समाज में कंडोम के इस्तेमाल को लेकर आलोचना के बाद. अब, डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इसे फिजूल खर्च करार देते हुए इस सहायता पर रोक लगा दी है. इसके अलावा, ट्रंप ने अपने प्रशासन की शुरुआत में ही विदेशों को दी जाने वाली तमाम फंडिंग पर रोक लगा दी है, जिससे अन्य सहायता भी प्रभावित हुई है.
गाजा में कंडोम पर खर्च हुआ 50 मिलियन डॉलर
बाइडन प्रशासन के दौरान, अमेरिका ने गाजा में कंडोम के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए 50 मिलियन डॉलर खर्च किए. इस राशि को लेकर व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा, "यह करदाताओं के पैसे की फिजूल बर्बादी थी." यह राशि 4.32 अरब रुपये से अधिक है, और इसका इस्तेमाल मुस्लिम बहुल गाजा में किया गया, जहां कंडोम का इस्तेमाल इस्लाम के अनुसार विवादास्पद माना जाता है.
ट्रंप प्रशासन की सख्त कार्रवाई
ट्रंप प्रशासन ने सत्ता में आते ही विदेशों को दी जाने वाली सभी सहायता राशि पर रोक लगा दी, जिसमें गाजा के लिए कंडोम के खर्चे की राशि भी शामिल है. व्हाइट हाउस ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित जरूरी सहायता के अलावा सभी अन्य फंडिंग पर रोक लगाते हुए कहा कि यह करदाताओं के पैसे का 'फिजूल खर्च' था.
धन की बर्बादी पर सवाल
प्रेस सचिव लेविट ने कहा, "गाजा में कंडोम के लिए इतने पैसे खर्च करना पूरी तरह से बर्बादी था." उन्होंने यह भी कहा कि नई सरकार अमेरिकी नागरिकों के लाभ के लिए इस फंडिंग पर विचार कर रही है. 2020 में प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, इन कंडोमों का इस्तेमाल कुछ अन्य मामलों में भी किया जाता था, जैसे कि विस्फोटकों को भरकर इन्हें इजरायल की तरफ भेजना, जिससे वहां के इलाके में नुकसान होता था.
अमेरिका का दखल और इस्लामिक दृष्टिकोण
गाजा, जो एक मुस्लिम बहुल इलाका है, वहां इस्लाम में परिवार नियोजन और कंडोम के इस्तेमाल को लेकर कई मत हैं. बहुत से इस्लामिक विद्वानों का मानना है कि यह धर्म के खिलाफ है, क्योंकि यह प्राकृतिक विधियों के विपरीत है. ट्रंप प्रशासन ने गाजा में इस विवादास्पद खर्च पर रोक लगाकर अमेरिकी करदाताओं के पैसों की बर्बादी पर चिंता जताई है.
अमेरिका का यह कदम वैश्विक राजनीति में नया मोड़ ला सकता है, क्योंकि एक ओर जहां कंडोम का इस्तेमाल स्वास्थ्य और जनसंख्या नियंत्रण के लिए जरूरी माना जाता है, वहीं दूसरी ओर यह इस्लामिक देशों में धार्मिक विरोध का सामना कर रहा है. अमेरिका के इस फैसले ने न केवल गाजा, बल्कि अन्य देशों में भी इस पर बहस छेड़ दी है.