ब्रिटिश अखबार ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि भारत पुलवामा हमले के बाद आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दे रहा है. भारत पाकिस्तान में एक के बाद एक दुश्मनों का खात्मा कर रहा है. ब्रिटिश अखबार 'द गार्जियन' ने भारत को लेकर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. इस रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (RAW) ने राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक अलग नजरिया अपनाया है. कथित तौर पर भारत ने विदेश की सरजमी पर अपने दुश्मनों का खात्मा करने की कार्रवाई शुरू की.
द गार्जियन अखबार से बात करने वाले भारतीय और पाकिस्तानी खुफिया संचालकों के अनुसार, भारत सरकार ने विदेशी धरती पर रहने वाले आतंकवादियों को खत्म करने की एक व्यापक रणनीति के तहत पाकिस्तान में कुछ लोगों की हत्या कर रही है. अखबार ने अपनी रिपोर्ट में ये दावा किया है कि भारत मोसाद और केजीबी के नक्शेकदम पर चल रहा है. हालांकि भारत सरकार की तरफ से इसे दुर्भावनापूर्ण बताया है.
खुफिया अधिकारियों का हवाला देते हुए द गार्जियन ने बताया कि भारत ने इजरायल की मोसाद और रूस की केजीबी जैसी खुफिया एजेंसियों से प्रेरणा ली है. इन्हीं एजेंसियों की तरह भारत अपने दुश्मनों को चुन चुन कर खत्म कर रही है. तो चलिए फिर जानते हैं कि आखिर मोसाद क्या है.
मोसाद इजराइल की एक खुफिया एजेंसी है. जिसे दुनिया की सबसे खतरनाक खुफिया एजेंसी माना जाता है. मोसाद अपने मुल्क के दुश्मनों के खिलाफ एक किलिंग मशीन की तरह काम करती है. इस एजेंसी को पहले "हग्गाना" नाम से भी जाना जाता था. इसका जन्म 13 दिसंबर 1949 में एक केन्द्रीय संस्थान के तौर पर आतंकवाद से लड़ने के लिए किया गया था.
वैसे तो मोसाद के बारे में ज्यादातर जानकारियां भी खुफिया रखी गई हैं लेकिन इस एजेंसी के बारे में कहा जाता है कि ये अपने दुश्मनों को विदेशी धरती पर जाकर खत्म कर देती ही. इस एजेंसी के नाम से बड़े बड़े आतंकी सूरमा डरते हैं. जानकारी के मुताबिक मोसाद इजराइल के तीन बड़े खुफिया संगठन में से एक है. इसके दो काउंटर टेररिज्म यूनिट हैं. पहली यूनिट है मेटसाडा जो दुश्मनों पर हमला करती है और दूसरी किडोन है जो गुप्त तरीके से काम करती है.
ब्रिटिश अखबार द्वारा किए गए सभी दावों को भारत के विदेश मंत्रालय ने खारिज कर दिया है. इस दावे पर भारत सरकार का कहना है कि इस तरह के दावे झूठे और दुर्भानवापूर्ण है. भारत विरोधी प्रचार का हिस्सा है. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पिछले खंडन का हवाला देते हुए कहा कि अन्य देशों में टारगेट किलिंग में भारत सरकार की कोई भूमिका नहीं है. First Updated : Friday, 05 April 2024