यहां ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए कर्मचारियों को मिलेगी हफ्ते में 3 दिन की छुट्टी, सरकार का बड़ा फैसला
International news: टोक्यो की गवर्नर युरिको कोइके ने ऐलान किया है कि अप्रैल 2025 से मेट्रो सिटी सरकारी कर्मचारियों को हर हफ्ते तीन दिन की छुट्टी का ऑप्शन मिल जाएगा. इस योजना का उद्देश्य जापान की बढ़ती जनसंख्या कमी को रोकना है.
International news: जापान में घटती जन्म दर के लिए एक प्रमुख कारण करोशी बन गई हैं. जो एक जापानी शब्द है, जिसका अर्थ है अत्यधिक काम के कारण तनाव, विकलांगता या फिर मौत.
चार दिन का कार्य सप्ताह
जापान अप्रैल 2024 से चार दिन के कार्य सप्ताह पर काम करेगा. इस नई नीति का उद्देश्य कार्य-जीवन संतुलन को बेहतर बनाना और देश की घटती जन्म दर को संबोधित करना है.
बच्चों के माता-पिता के लिए लचीली कार्य नीति
एक नई नीति के तहत, प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के माता-पिता अपने कार्य घंटों को कम कर सकते हैं, जिससे उनकी सैलरी भी अनुपातिक रूप से घटाई जाएगी.
जापान की चिंताजनक जन्म दर
जून 2023 में जापान की जन्म दर रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुंच गई. स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय के अनुसार, पिछले साल केवल 7,27,277 बच्चों का जन्म हुआ. देश की जनसंख्या स्थिर रखने के लिए जन्म दर का 2.1 होना आवश्यक है, जबकि यह सिर्फ 1.2 है. 2008 में जापान की जनसंख्या 12.8 करोड़ थी, लेकिन 2060 तक यह घटकर 8.67 करोड़ होने का अनुमान है.
टोक्यो गवर्नर का बयान
टोक्यो गवर्नर युरिको कोइके ने अपनी नीति घोषणा में कहा कि हम जीवन की घटनाओं, जैसे कि बच्चे का जन्म या पालन-पोषण, के कारण किसी को भी अपना करियर छोड़ने के लिए मजबूर नहीं करेंगे. यह समय है जब टोक्यो पहल कर लोगों के जीवन, आजीविका और अर्थव्यवस्था को सुरक्षित और बेहतर बनाए.
समाजशास्त्रियों के अनुसार, जापान की कठोर कार्य संस्कृति और महंगे जीवन-यापन के कारण युवा परिवार शुरू करने से बचते हैं.
महिला-पुरुष श्रम भागीदारी में अंतर
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, जापान में पुरुषों की श्रम भागीदारी 72% है, जबकि महिलाओं की मात्र 55%. महिलाओं को करियर और निजी जीवन में से किसी एक को चुनने की चुनौती का सामना करना पड़ता है.
अन्य देशों की पहल
स्टडी से पता चला हैं कि चार दिन का कार्य सप्ताह कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य और उत्पादकता में सुधार करता है. यह विचार पश्चिमी देशों में भी लोकप्रिय हो रहा है. इसके अलावा, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया भी जन्म दर बढ़ाने के लिए नई नीतियां लागू कर रहे हैं.