International news: जापान में घटती जन्म दर के लिए एक प्रमुख कारण करोशी बन गई हैं. जो एक जापानी शब्द है, जिसका अर्थ है अत्यधिक काम के कारण तनाव, विकलांगता या फिर मौत.
जापान अप्रैल 2024 से चार दिन के कार्य सप्ताह पर काम करेगा. इस नई नीति का उद्देश्य कार्य-जीवन संतुलन को बेहतर बनाना और देश की घटती जन्म दर को संबोधित करना है.
एक नई नीति के तहत, प्राथमिक विद्यालय के बच्चों के माता-पिता अपने कार्य घंटों को कम कर सकते हैं, जिससे उनकी सैलरी भी अनुपातिक रूप से घटाई जाएगी.
जून 2023 में जापान की जन्म दर रिकॉर्ड निम्न स्तर पर पहुंच गई. स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय के अनुसार, पिछले साल केवल 7,27,277 बच्चों का जन्म हुआ. देश की जनसंख्या स्थिर रखने के लिए जन्म दर का 2.1 होना आवश्यक है, जबकि यह सिर्फ 1.2 है. 2008 में जापान की जनसंख्या 12.8 करोड़ थी, लेकिन 2060 तक यह घटकर 8.67 करोड़ होने का अनुमान है.
टोक्यो गवर्नर युरिको कोइके ने अपनी नीति घोषणा में कहा कि हम जीवन की घटनाओं, जैसे कि बच्चे का जन्म या पालन-पोषण, के कारण किसी को भी अपना करियर छोड़ने के लिए मजबूर नहीं करेंगे. यह समय है जब टोक्यो पहल कर लोगों के जीवन, आजीविका और अर्थव्यवस्था को सुरक्षित और बेहतर बनाए.
समाजशास्त्रियों के अनुसार, जापान की कठोर कार्य संस्कृति और महंगे जीवन-यापन के कारण युवा परिवार शुरू करने से बचते हैं.
विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, जापान में पुरुषों की श्रम भागीदारी 72% है, जबकि महिलाओं की मात्र 55%. महिलाओं को करियर और निजी जीवन में से किसी एक को चुनने की चुनौती का सामना करना पड़ता है.
स्टडी से पता चला हैं कि चार दिन का कार्य सप्ताह कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य और उत्पादकता में सुधार करता है. यह विचार पश्चिमी देशों में भी लोकप्रिय हो रहा है. इसके अलावा, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया भी जन्म दर बढ़ाने के लिए नई नीतियां लागू कर रहे हैं. First Updated : Thursday, 12 December 2024