Hezbollah Pager Attack: इज़रायल 9 साल से कर रहा था इस सफल ऑपरेशन की तैयारी: रिपोर्ट

Hezbollah Pager Attack: हाल ही में हिजबुल्लाह लड़ाकों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पेजर्स में अचानक विस्फोट होने से  3000 से ज्यादा लड़ाके घायल हो गए थे और कई लोगों की मौत हो गई थी. इस बीच अब इस हमले के संबंध में वाशिंगटन पोस्ट ने एक बड़ा खुलासा किया है. उसने बताया है कि इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद ने 2015 में पहली बार इस ऑपरेशन की नींव रखी थी, जब उसने गुप्त रूप से हिजबुल्लाह के संचार नेटवर्क में पेजर और वॉकी-टॉकी लगाए थे.

Amit Kumar
Amit Kumar

Hezbollah Pager Attack: पछले महीने यानी 17 सितंबर हिजबुल्लाह लड़ाकों द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले पेजर्स में अचानक विस्फोट होने से  3000 से ज्यादा लड़ाके घायल हो गए थे और कई लोगों की मौत हो गई थी. इस अचानक हुए विस्फोट ने पूरी दुनिया ममें हलचल मचा के रख दी. कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि इन हमलों के पीछे इजरायल का हाथ है. लेकिन इजरायल  की तरफ इस हमले को लेकर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. लेकिन इस दौरान अब पेजर्स अटैक को लेकर वाशिंगटन पोस्ट ने एक बड़ा खुलासा किया है. 

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच संघर्ष के बारे में सभी लोगों को पता है. ऐसे में हिजबुल्लाह के लड़ाके बातचीत के लिए पेजर का इस्तेमाल करते थे, क्योंकि इसे हैक नहीं किया जा सकता था. इजरायल ने इसे इसलिए निशाना बनाया क्योंकि यह डिवाइस अधिकांश लड़ाकों के पास होता है, जिससे विस्फोट होने पर उनका नुकसान सबसे अधिक होता है. 

2022 में बनी थी पेजर ऑपरेशन की योजना

वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, पेजर ऑपरेशन की योजना 2022 में बनी थी.  हमास के 7 अक्टूबर के हमले से एक साल पहले इस योजना के कुछ हिस्से लागू होने लगे थे.  हिजबुल्लाह 2015 से हैक-प्रूफ इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क की तलाश में था, जिसके चलते मोसाद ने लेबनान में वॉकी-टॉकीज़ भेजना शुरू किया.  अधिकारियों ने बताया कि इजरायल ने हिजबुल्लाह को वॉकी-टॉकी का उपयोग करने के लिए प्रेरित किया था. 

वहीं खुफिया अधिकारियों के हवाले से पोस्ट ने बताया,  '9 वर्षों तक इजरायल ने हिजबुल्लाह की गुप्त सूचनाएं सुनने में ही अपनी रुचि बनाए रखी, तथा भविष्य में किसी संकट के समय वॉकी-टॉकी को बम में बदलने का विकल्प भी सुरक्षित रखा.'

2023 में हिजबुल्लाह ने पेजर का दिया था ऑर्डर 

हिजबुल्लाह को पता था कि पेजर इजरायल और अमेरिका जैसे देशों द्वारा नहीं बनाए जाते.  इसलिए उन्होंने ताइवानी ब्रांड अपोलो के पेजर्स खरीदे, जो इजरायल से जुड़े नहीं थे. अधिकारियों ने बताया कि ताइवानी कंपनी को इस योजना की जानकारी नहीं थी.  इसके बाद, हिजबुल्लाह ने पेजर खरीदने के लिए एक मार्केटिंग अधिकारी की मदद ली, जिसने अपोलो ब्रांड के पेजर्स बेचने का लाइसेंस लिया था. 2023 में इन दोनों के बीच डील हुई, जिसमें हिजबुल्लाह को एआर924 पेजर्स खरीदने के लिए मनाया गया.  इन पेजर्स की बैटरी में विस्फोटक छिपा हुआ था. 

इस तरह किया गया था हमला 

इस हमले के प्रभाव के बारे में इजरायल के कई अधिकारियों को जानकारी नहीं थी. हिजबुल्लाह के बढ़ते खतरे को देखते हुए इजरायल ने यह कदम उठाया. फिर एक कोडेड मैसेज भेजने पर पेजर में विस्फोट हो गए. 

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06 October 2024, 09:05 PM IST

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