नेतन्याहू और ट्रंप की हाई-प्रोफाइल मीटिंग तय, 17% टैरिफ के बाद व्हाइट हाउस में पहली मुलाकात
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बीच 6 अप्रैल को व्हाइट हाउस में अहम मुलाकात होने जा रही है. यह मीटिंग उस वक्त हो रही है जब अमेरिका ने 60 देशों और ट्रेड ब्लॉक्स पर भारी-भरकम टैरिफ लगाया है, जिसमें इज़रायल को भी चौंकाने वाले रूप से 17% टैरिफ का सामना करना पड़ा है. ट्रंप प्रशासन के इस फैसले के बाद नेतन्याहू की यह पहली अमेरिका यात्रा होगी.

अमेरिका द्वारा अप्रत्याशित रूप से इज़राइल पर 17 प्रतिशत टैरिफ लगाए जाने के बाद अब इज़राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच पहली बार मुलाकात तय हो गई है. नेतन्याहू 6 अप्रैल को व्हाइट हाउस पहुंचेंगे, जहां दोनों नेताओं के बीच न सिर्फ व्यापारिक शुल्क पर बातचीत होगी, बल्कि गाज़ा संघर्षविराम (Ceasefire) को लेकर भी अहम चर्चा की उम्मीद है.
इस दौरे को खास इसलिए भी माना जा रहा है क्योंकि यह टैरिफ लागू होने के बाद किसी भी विदेशी नेता की पहली अमेरिका यात्रा होगी. ट्रंप ने 2 अप्रैल को 60 देशों और व्यापारिक साझेदारों पर भारी शुल्क लगाने का एलान किया था, जिसमें इज़राइल भी शामिल रहा – जो अमेरिका का करीबी सहयोगी और सैन्य सहायता प्राप्त करने वाला शीर्ष देश है.
ट्रंप के टैरिफ के बाद पहली बार मिलेंगे नेतन्याहू और ट्रंप
एक अमेरिकी अधिकारी ने एएफपी को बताया कि नेतन्याहू 6 अप्रैल को व्हाइट हाउस में ट्रंप से मुलाकात करेंगे. इससे पहले ट्रंप ने संकेत दिया था कि "शायद अगला सप्ताह" नेतन्याहू के दौरे का समय हो सकता है. हालांकि, Axios की रिपोर्ट के अनुसार इज़राइली और कुछ अमेरिकी अधिकारी इस दौरे की घोषणा से चौंक गए.
टैरिफ से बचने के लिए इज़राइल ने अमेरिका से आने वाले उस एक प्रतिशत सामान पर बाकी बचे सभी शुल्क हटा दिए थे, जो पहले भी सीमित थे. इसके बावजूद ट्रंप ने इज़राइल पर 17% टैरिफ लागू कर दिया. उन्होंने तर्क दिया कि अमेरिका का इज़राइल के साथ व्यापार घाटा "अस्वीकार्य" है, भले ही इज़राइल को अमेरिका की ओर से सबसे ज्यादा सैन्य सहायता मिलती हो.
गाजा संघर्षविराम पर भी होगी बात
इस दौरे का एक अहम एजेंडा गाज़ा में जारी युद्धविराम की संभावनाएं भी होंगी. अमेरिका चाहता है कि गाज़ा में स्थायी शांति के लिए कोई नया समझौता हो, जबकि इज़राइल का रुख अब भी सख्त बना हुआ है. नेतन्याहू ने स्पष्ट कहा है कि हमास को हथियार डालने होंगे, तभी कोई सौदा संभव होगा. उन्होंने कहा, "हम तैयार हैं. हमास को हथियार डालने होंगे. उसके नेताओं को गाज़ा छोड़ने की अनुमति दी जाएगी." गौरतलब है कि इज़राइल तब तक गाज़ा में सैन्य अभियान जारी रखने की बात कह चुका है, जब तक हमास सभी बंधकों को छोड़ नहीं देता.
क्या बदलेगा नेतन्याहू-ट्रंप की इस मीटिंग से?
इस मीटिंग से पहले कई सवाल उठ रहे हैं – क्या ट्रंप टैरिफ पर नरमी बरतेंगे? क्या गाज़ा युद्धविराम की दिशा में कोई ठोस पहल हो पाएगी? और क्या यह दौरा इज़राइल-अमेरिका रिश्तों की गर्माहट को फिर से लौटा पाएगा? इन सभी सवालों के जवाब 6 अप्रैल को व्हाइट हाउस की इस अहम बैठक में मिल सकते हैं.