कनाडा में हिंदू सांसद ने नाकाम की खालिस्तानी कोशिश, 1984 के सिख विरोधी दंगों को नरसंहार घोषित करने का था प्रस्ताव
Canada Parliament: कनाडा की संसद में 1984 के सिख विरोधी दंगों को नरसंहार घोषित करने का प्रस्ताव खारिज हो गया है. यह प्रस्ताव NDP के सांसद सुख धालीवाल ने पेश किया था, लेकिन हिंदू सांसद चंद्र आर्य के विरोध के कारण इसे पारित नहीं किया जा सका.
Canada Parliament: कनाडा की संसद में 1984 के सिख विरोधी दंगों को नरसंहार घोषित करने का प्रस्ताव खारिज कर दिया गया है. इस प्रस्ताव को न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) के सांसद सुख धालीवाल ने पेश किया था, लेकिन हिंदू सांसद चंद्र आर्य के विरोध ने इसे पारित होने से रोक दिया. आर्य ने खालिस्तानी लॉबी पर इस प्रस्ताव के पीछे होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह विभाजनकारी एजेंडा कनाडाई समाज को तोड़ने का प्रयास है.
आर्य ने दावा किया कि प्रस्ताव का विरोध करने के लिए उन्हें धमकियां भी दी गईं. उन्होंने कनाडाई हिंदुओं से अपील की कि वे ऐसे प्रस्तावों का विरोध करने के लिए अपने सांसदों से संपर्क करें.
Today, the Member of Parliament from Surrey-Newton attempted to have the Parliament declare the 1984 riots in India against Sikhs as a genocide.
— Chandra Arya (@AryaCanada) December 6, 2024
He sought unanimous consent from all Members in the House of Commons to pass his motion.
I was the only Member present in the House… pic.twitter.com/wENlwUd234
हिंदू सांसद ने किया विरोध
प्रस्ताव को कनाडाई संसद की विदेशी मामलों और अंतरराष्ट्रीय विकास समिति के सामने पेश किया गया था. सांसद चंद्र आर्य ने दावा किया कि वह हाउस ऑफ कॉमन्स में इकलौते सदस्य थे, जिन्होंने इसके खिलाफ आवाज उठाई. आर्य के विरोध के कारण ही यह प्रस्ताव पारित नहीं हो सका.
धमकियों का सामना
आर्य ने बताया कि प्रस्ताव के विरोध के तुरंत बाद उन्हें संसद भवन के अंदर धमकियां दी गईं. उन्होंने कहा, "आज मैं इस विभाजनकारी एजेंडे को रोकने में सफल रहा, लेकिन अगली बार इतने भाग्यशाली नहीं हो सकता."
खालिस्तानी लॉबी पर आरोप
आर्य ने आरोप लगाया कि यह प्रस्ताव राजनीतिक रूप से शक्तिशाली खालिस्तानी लॉबी से प्रभावित था. उन्होंने कहा कि खालिस्तानी लॉबी भविष्य में दोबारा इस तरह के प्रस्तावों को संसद में पारित कराने का प्रयास करेगी.
हिंदू-कनाडाई समुदाय से अपील
चंद्र आर्य ने हिंदू-कनाडाई समुदाय से अपील की कि वे अपने स्थानीय सांसदों से संपर्क करें और सुनिश्चित करें कि ऐसे प्रस्तावों का भविष्य में भी कड़ा विरोध हो. उन्होंने कहा, "भारत में 1984 के दंगे क्रूर और निंदनीय थे, लेकिन उन्हें नरसंहार के रूप में लेबल करना भ्रामक और अनुचित है."