यूनुस सरकार से क्या चाहते हैं हिंदू? देखिए 8 मांगों की लिस्ट
Bangladesh News: बांग्लादेश में अब हिंदू खुद पर हो रहे अत्याचार को लेकर आक्रोशित होने लगे हैं. उन्होंने अपनी मांग को बुलंद करने के लिए रैली का आयोजन किया है. शुक्रवार को हजारों हिंदू सड़कों पर उतरे और यूनुस सरकार के सामने 8 मांगे रखी. आइये देखें पूरी लिस्ट
Bangladesh News: बांग्लादेश में शेख हसीने के जाने के बाद मो. यूनुस के नेतृत्व में अस्थाई सरकार का गठन हुआ. इसने सभी वर्गों के लिए काम करने का दावा किया. लेकिन, हाल कुछ और ही है. देश में हिंदुओं पर अत्याचार बढ़ा है. इसी कारण अब वो विरोध पर उतर आए हैं. शुक्रवार को सनातन जागरण मंच ने चित्तागोंग के ऐतिहासिक लालदिघी मैदान में एक बड़ी रैली का आयोजन किया. इसमें हजारों हिंदू शामिल हुए. उन्होंने अस्थाई सरकार से अल्पसंख्यक अधिकारों और सुरक्षा की मांग की.
हिंदू कार्यकर्ताओं के इस समूह ने यह घोषणा की कि जब तक बांग्लादेश सरकार, जिसका नेतृत्व वर्तमान में मोहम्मद यूनुस कर रहे हैं, उनकी आठ प्रमुख मांगों को पूरा नहीं करती, तब तक उनका यह जन आंदोलन जारी रहेगा. उनकी मुख्य मांगें इस प्रकार हैं
1. अल्पसंख्यकों पर होने वाले अपराधों की त्वरित सुनवाई के लिए एक विशेष न्यायाधिकरण का गठन
2. पीड़ितों को उचित मुआवजा और पुनर्वास की व्यवस्था
3. अल्पसंख्यक संरक्षण कानून का शीघ्र लागू करना
4. अल्पसंख्यक मामलों के लिए एक विशेष मंत्रालय का गठन
5. शैक्षिक संस्थानों और छात्रावास में अल्पसंख्यकों के लिए पूजा स्थल का निर्माण
6. हिंदू, बौद्ध और ईसाई कल्याण ट्रस्ट को फाउंडेशन का दर्जा देना
7. 'संपत्ति पुनर्प्राप्ति और संरक्षण अधिनियम' और 'सौंपे गए संपत्ति अधिनियम' का सख्त कार्यान्वयन
8. इसके साथ ही दुर्गा पूजा में दो दिन की छुट्टी देना
संस्कृत और पाली बोर्ड के आधुनिकीकरण की मांग
संगठन ने संस्कृत और पाली शिक्षा बोर्ड के आधुनिकीकरण की भी मांग की है और दुर्गा पूजा के लिए 5-दिवसीय अवकाश की घोषणा की मांग की है. गुरुवार को बांग्लादेश की पर्यावरण मंत्री, सैयद रिजवान हसन ने हिंदू समुदाय की मांगों को लेकर एक बयान जारी किया. उन्होंने पहली बार दुर्गा पूजा के लिए 2 दिन के अवकाश की घोषणा की, इसे समुदाय के प्रति समर्थन का प्रतीक बताया.
शेख हसीना के हटने के बाद का सबसे बड़ा आंदोलन
यह आयोजन, 5 अगस्त को शेख हसीना के पद छोड़ने के बाद, हिंदू समूहों द्वारा किया गया सबसे बड़ा आंदोलन है. अंतरिम सरकार के सत्ता में आने के बाद अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराधों, जैसे तोड़फोड़, लूटपाट और हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हुई है, बावजूद इसके कि अल्पसंख्यक अधिकारों की सुरक्षा का वादा किया गया था.