बांग्लादेश में हिंदुओं ने दिखाई ताकत: मंदिर पहुंच क्या बोले मो. यूनुस? शेख हसीना ने तोड़ी चुप्पी
Bangladesh News: बांग्लादेश में आंदोलन तख्तापलट के बाद तेजी से हालात बदल रहे हैं. अंतरिम सरकार देश में शांति का माहौल बनाने में लगी हुई है. इस बीच बांग्लादेशी हिंदुओं ने अपने साथ हुए अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई है. इसी कारण मो. यूनुस को मंदिर का दौरा करना पड़ा है. वहीं शेख हसीना ने अपनी चुप्पी तोड़ दी है. उन्होंने अपने बेटे के जरिए एक बयान जारी किया है.
Bangladesh News: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद वो देश से बाहर चली गई. उसके बाद राष्ट्रपति ने अंतरिम सरकार बनाकर देश के हालात सुधारने की कोशिश की है. हालांकि, कई रिपोर्ट में कहा जा रहा है कि वहां अभी भी हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार हो रहे हैं. मंदिरों को तोड़ा जा रहा है और उनको मारा जा रहा है. इस बीच अंतरिम सरकार के प्रमुख मो. यूनुस ने ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया और शांति का संदेश दिया है. वहीं दूसरी ओर शेख हसीना ने पूरे घटनाक्रम पर अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने अपने बेटे के जरिए एक बयान जारी किया है. आइये जानें दोनों नेताओं ने क्या कहा है?
बता दें बांग्लादेश में कोटा को लेकर कुछ महीनों से प्रदर्शन चल रहा है. धीरे-धीरे ये उग्र हुआ और आंदोलनकारियों ने शेख हसीना का इस्तीफा मांग लिया. हालांकि, प्रदर्शन को शांत कराने की कोशिश फेल हो गए. इस आंदोलन में कई लोगों की हत्या हुई. आखिर में शेख हसीना को पद छोड़कर देश से निकलना पड़ा. इसके वहां अंतरिम सरकार का गठन किया गया है.
मंदिर पहुंचे मो. यूनुस
अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ढाका की ढाकेश्वरी मंदिर का दौरा किया. उसके बाद उन्होंने बाहर पत्रकारों से बात की. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम बांग्लादेश को एक परिवार जैसा बनाएंगे. यूनुस ने कहा कि देश में आपस में बहुत दूरियां हो गई हैं. यहां परिवारों के बीच कोई भेद नहीं होगा. हम बांग्लादेशी हैं. हम ये सुनिश्चित करना.
उन्होंने देशवासियों से धीरज रखने की अपील की है. उन्होंने अपने लोगों से कहा कि अभी सभी को मदद की दरकार है. सब लोग धैर्य बनाए हुए हैं. इससे अंतरिम सरकार को बहुत मदद मिल रही है. अगर मैंने कुछ काम किया होगा तो बाद में उसके लिए मुझे दोष दे दीजिएगा, अभी नहीं. अभी हमें देश के लिए काम करना है.
शेख हसीना ने तोड़ी चुप्पी
शेख हसीना ने देश छोड़ने के बाद मंगलवार को अपना पहला बयान जारी किया है. उन्होंने अपने बेटे के जरिए देश को संदेश दिया है. हसीना ने अवामी लीग के खिलाफ तख्तापलट को अपने पिता, बांग्लादेश के संस्थापक राष्ट्रपति बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के साथ प्राणों की आहुति देने वाले कई शहीदों का घोर अपमान बताया. जिनके नेतृत्व में हमने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आत्मसम्मान प्राप्त किया उनका घोर अपमान किया गया है.