'बांग्लादेश किसी के बाप का नहीं', यूनुस 'सरकार' के सामने हिंदू हुंकार; दे दिया अल्टीमेटम
Hindus Protest In Bangladesh: पिछले एक हफ्ते में बांग्लादेश में हुए घटनाक्रम के बाद अब देश की हिंदू आबादी ने हुंकार भरी है. शेख हसीना सरकार के खिलाफ हुए प्रदर्शनों और उसके बाद भी में हिंदुओं की हत्या, मंदिरों को नुकसान पहुंचाने और अत्याचार के खिलाफ देश में आवाज उठने लगी है. हिंदुओं ने प्रदर्शन करते हुए मोहम्मद यूनुस की सरकार को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि ये देश किसी के बाद का नहीं हैं.
Hindus Protest In Bangladesh: बांग्लादेश में कोटा का विरोध शेख हसीनी की खिलाफ करते-करते हिंदुओं के खिलाफ हो गया. 2 महीने से जारी प्रदर्शन के बाद तख्तापलट हो गया और प्रदर्शनकारियों की जीत हो गई. देश में अब मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार का गठन हुआ है. हालांकि, अब भी हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार और मंदिरों को तोड़ने के मामले कम नहीं हो रहे हैं. इस बीच अब हिंदू अपने अधिकार और सुरक्षा के लिए आवाज उठाने लगे हैं. बांग्लादेश में यूनुस सरकार के खिलाफ हिंदू सड़क पर आ गए हैं और अपनी सुरक्षा की मांग करते हुए कह रहे हैं कि ये देश किसी के बाप का नहीं है.
बता दें उग्र प्रदर्शनों में करीब 300 लोगों की हत्या हुई. 2 महीने तक चले इस आंदोलन के कारण शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा. उनको देश भी छोड़ना पड़ा. इसके बाद सेना ने सरकार अपने हाथ में लिया और अंतरिम सरकार का गठन किया. इसकी जिम्मेदारी नोबेल विजेता मो. यूनुस को दी गई. उनके सहायकों में 2 हिंदुओं को भी शामिल किया गया. अब देश में थोड़ी स्थिरता आने पर हिंदू अपनी मांगों को लेकर आवाज उठा रहे हैं.
'देश किसी के बाप का नही है'
शेख हसीना के इस्तीफा देने और 5 अगस्त को देश छोड़कर जाने के बाद से बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ गए हैं. इसके खिलाफ सैकड़ों हिंदू शनिवार को ढाका में विरोध करने उतर गए. देशभर से वहां पहुंचे प्रदर्शनकारियों ने इस बात पर जोर दिया कि यह देश सभी का है. सरकार को हिंदुओं की सुरक्षा के लिए कदम उठाने चाहिए. प्रदर्शन में ये नारा भी लगाया गया कि देश किसी के बाप का नही है.
क्या रखी मांग?
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा कि ये देश हमारा भी है. हमने इसके लिए खून दिया है. आगे भी अगर जरूरत पड़ी तो हम फिर खून देंगे लेकिन हम किसी भी हाल में बांग्लादेश नहीं छोड़ेंगे. सिविल सोसाइटी हमारे हालातों पर मूकदर्शक बनी हुई है. हम अपने घरों और धार्मिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा चाहते है. हमारे लिए एक मंत्रालय और अल्पसंख्यक सुरक्षा आयोग का गठन किया जाए और संसद में 10 फीसदी सीटें रिजर्व की जाए.
मोहम्मद यूनुस को लिखा पत्र
बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई ओइक्या परिषद ने बताया कि शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद 64 जिलों में से 52 में अल्पसंख्यकों के साथ उत्पीड़न की 205 मामले सामने आए हैं. इसे लेकर उन्होंने मुहम्मद यूनुस को पत्र भी लिखा है. इसमें इस बात की भी जिक्र किया गया है कि बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को निशाने पर रखने को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने भी चिंता जताई है.