Explainer: क्या अमेरिका के हमले से हूती लड़ाकों होंगे तबाह? विद्रोहियों ने बदला लेने की खाई कसम... जानें पूरी डिटेल

Israel Hamas War: हूती विद्रोह के ठिकानों पर अमेरिका के बम और मिसाइल से ताबड़तोड़ हमले ने लड़ाकों को उकसा दिया है और उसने कसम खाई है कि वह इसका जवाब तुरंत देगा.

Sachin
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Israel Hamas War: गाजा में जारी इजरायल और हमास के बीच युद्ध और मध्य-पूर्व में विस्तार लेता जा रहा है, लेकिन अभी वहां जो कुछ हो रहा है वह क्षेत्रीय युद्ध के हिसाब से कम है. लेकिन प्रत्येक दिन युद्ध की आग लगातार फैलती जा रही है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यमन के हूती विद्रोहियों पर अमेरिका और ब्रिटेन का हमला निश्चित रूप से ठीक नहीं है. लेकिन दूसरी ओर व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाना भी अच्छा संकेत नहीं देता है. 

अमेरिका ने हूतियों को ठिकानों पर बमबारी 

हूती विद्रोह के ठिकानों पर अमेरिका के बम और मिसाइल से ताबड़तोड़ हमले ने लड़ाकों को उकसा दिया है और उसने कसम खाई है कि वह इसका जवाब तुरंत देगा. इराक और ईरान समर्थक इलाके में मिलिशिया में अमेरिका बलों पर कार्रवाई तेज कर दी है. बताया जा रहा है कि हूती विद्रोह और अमेरिका के बीच युद्ध बढ़ता है तो इजरायल और हिजबुल्लाह के बीच युद्ध को अमेरिका कूटनीतिक के जरिए टालना कठिन होगा. हिजबुल्लाह लेबनान की मिलिशिया और पॉलिटिकल आंदोलन है. जिसे ईरान का समर्थन प्राप्त है. 

हूती युद्ध के लाल सागर में कूदे 

हूतियों को लगातार ईरान समर्थन मिल रहा है अब उसे ईरान कॉपी बताने के अलावा सहयोगी के रूप में देखने की जरूरत है. हूती विद्रोह विचारधारा के हिसाब से काफी स्वतंत्र हैं और अमेरिका सेना के साथ टकराना उन्हें काफी पसंद आएगा. अब हूतियों को इस युद्ध का हिस्सा बनना है और आगे की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार रहना है. ईरान का अधिक समर्थन मिलने से हूतियों की मारक क्षमता बढ़ चुकी है और एंटी-शिप मिसाइलें, बैलिस्टिक मिसाइलों से लगातार हमला करने की क्षमता है और उन्होंने इस इजरायल पर हमला किया है. यह सब वैसा ही हो रहा है जब यूक्रेन से युद्ध में रूस को सप्लाई हो रही थी. 

कंपनियां अपना माल पहुंचाने के लिए लंबा रास्ता तय कर रही हैं

यमन विद्रोहियों का लाल सागर में जहाजों को लगातार निशाना बनाने के कारण बाब अल-मंदब जलडमरूमध्य के माध्यम से कंपनियां अपना माल पहुंचा रही है. ताकि सामान को कम जोखिम का सामना करना पड़े. इसके साथ ही कंपनियां अब स्वेज नहर का प्रयोग करने की बजाह अफ्रीका के पश्चिमी तट और केप ऑफ गुड होप से गुजरना पसंद कर रही हैं. बता दें कि हूती विद्रोही साल 2014 से राजधानी सना और लाल सागर के तट समेत यमन के बड़े पर कब्जा जमाया हुआ है. 

हूती विद्रोहियों को खत्म से क्या मिलेगा? 

हूतियों ने साफ कहा है कि गाजा में युद्ध, इजरायली सेना के द्वारा मासूम बच्चों और महिलाओं को मारना, बुनियादी वस्तुओं की आवाजाही को रोकने की वजह से लाल सागर में यह हमले हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि अगर गाजा में आम लोगों को युद्ध से राहत मिलती है और जरूरी सामान को पहुंचाया जाता है तो वह लाल सागर पर किसी भी जहाज पर हमला नहीं करेंगे. हूती नेताओं ने कहा कि अमेरिका द्वारा हमले के बाद हमें लड़ने में यह बिल्कुल भी हिचक नहीं होगी की हम युद्ध सही रास्ते पर है. 

अमेरिका को गाजा में युद्ध रोकना चाहिए 

इजरायल को ब्रिटेन और अमेरिका की सहायता की आलोचना करने वाले विश्लेषकों का मानना है कि हूतियों पर हमला करने की जगह इस गाजा में जारी युद्ध को शांत रखने के लिए विकल्प ढूंढने के लिए कहा है. अगर युद्धविराम हो जाता है और हूती विद्रोह लाल सागर में हमला जारी रखते हैं तो उनके ऊपर हवाई हमले की वैधता बढ़ जाएगी. लेकिन कहा जा रहा है कि अमेरिका और ब्रिटेन के हवाई हमलों से हूतियों को खत्म किया जा सकता है. लेकिन साल 2015 में सऊदी अरब के द्वारा हवाई हमले से उस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा था. यमन एक पहाड़ी देश है जो हवाई बमबारी को छुपाने में सक्षम है. अब हूतियों ने साफ कर दिया है कि वह इस युद्ध में पीछे नहीं हटेंगे अगर इजरायल गाजा में हमले रोकता है तो इसका समाधान पर चर्चा की जा सकती है. अन्यथा लाल सागर में व्यापारिक जहाजों पर हमला कर कब्जे में लेते जा रहेंगे. 

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14 January 2024, 12:31 PM IST

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