UAE में सोमवार 15 अप्रैल की रात से बारिश शुरू हुई थी जिसके बाद मंगलवार यानि की 16 अप्रैल को 120 मिलीमीटर से ज्यादा बारिश हुई है. आपको बता दें, इतनी बारिश UAE में सालभर में होती है. दुबई सरकार ने लोगों को अपने- अपने घरों से बाहर ना निकलने का आदेश दिया . वहीं बहरीन, कतर और सऊदी अरब में भी भारी बारिश से हालात खराब ओमान में तेज बारिश के चलते 18 लोगों की मौत हो गई है. अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के कुछ हिस्सों में पानी भर गया. शहरों में ऑफिस और स्कूल बंद कर दिए गए हैं. लोगों को वर्क फ्रॉम होम के लिए कहा गया है.
सीएनएन के अनुसार, जिस बारिश ने पूरे दुबई को डुबो दिया वो ओमान में आने वाले तूफान से जुड़ा है. आपको बता दें, ओमान और दक्षिणपूर्वी ईरान में भी भारी बारिश के कारण बाढ़ आ गई. जिसके वजह से वहां करीब 18 लोगों की मौत हो गई है. इतनी भीषण बारिश और आसानय बारिश के पीछे की वजह ग्लोबल वार्मिंग बताया जा रहा है. ऐसा माना जा रहा है कि ग्लोबल वार्मिंग के कारण बाढ़ आई है.
इंपीरियल कॉलेज लंदन में ग्रांथम इंस्टीट्यूट फॉर क्लाइमेट चेंज के ओटो ने एएफपी को बताया, कि ओमान और दुबई में बाढ़ आने के पीछे की वजह क्लाइमेट चेंज भी है. जिससे इतने सारे लोगों को नुकसान पहुंचा है. इस बीच, ब्लूमबर्ग ने बताया कि भारी बारिश क्लाउड सीडिंग के कारण भी हुई है.
संयुक्त अरब अमीरात ने जल सुरक्षा मुद्दों के समाधान के लिए 2002 में क्लाउड सीडिंग ऑपरेशन शुरू किया. इस तकनीक में बादलों से ज्यादा बारिश कराने के लिए रसायनों और छोटे कणों जैसे की पोटेशियम क्लोराइड का इस्तेमाल किया गया है. विशेषज्ञ मौसम विज्ञानी अहमद हबीब ने ब्लूमबर्ग को बताया कि सीडिंग विमानों ने पिछले दो दिनों में सात मिशनों को अंजाम दिया है. उन्होंने कहा, "यूएई के लिए किसी भी बादल के लिए आप ये ऑपरेशन कर सकते हैं.
दुबई में भारी बारिश होने के पीछे का कारण ग्लोबल वार्मिंग और क्लाइमेट चेंज के साथ- साथ सड़कों के किनारे नालियां ना बनवाना भी है. सूखे से जूझ रहे देशों में बारिश, वैसे भी ना के बराबर होती है. अनियमित बारिश की वजह से दुबई एडमिनिस्ट्रेशन ने सड़कों के किनारे नालियां ही नहीं बनवाईं हैं. और बनवाई भी है तो वे इतनी पतली हैं कि वे बाढ़ की स्थिति नहीं झेल सकतीं. First Updated : Wednesday, 17 April 2024