कभी यूक्रेन के पास था दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा परमाणु भंडार, आज हो गया है कंगाल, आखिर कैसे खत्म हुई न्यूक्लियर पावर

Russia-Ukraine war: रूस और यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष को 1000 से भी ज्यादा दिन हो चुके हैं. एक समय में यूक्रेन दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा परमाणु भंडार रखने वाला देश था. लेकिन आज रूस का मुकाबला करने के लिए उसे पश्चिमी देशों की मदद लेनी पड़ रही है.

calender

Russia-Ukraine war: यूक्रेन एक समय दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा परमाणु भंडार रखने वाला देश था. लेकिन आज रूस के हमलों का मुकाबला करने के लिए पश्चिमी देशों की मदद पर निर्भर है. रूस के साथ जारी युद्ध और पश्चिमी देशों से सैन्य मदद की अपील के बीच, यह सवाल उठता है कि यूक्रेन ने अपनी न्यूक्लियर ताकत कैसे खत्म हो गई.

सोवियत संघ के विघटन के बाद यूक्रेन को विरासत में 1900 से अधिक परमाणु हथियार और 176 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें (ICBM) मिली थीं. लेकिन 1990 के दशक में, यूक्रेन ने अपनी परमाणु ताकत छोड़ने का फैसला किया, और आज उसे इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.

विरासत में मिले थे हजारों हथियार

1991 में सोवियत संघ के टूटने के बाद, यूक्रेन एक स्वतंत्र देश बना. इसके साथ ही उसे सोवियत संघ के परमाणु कार्यक्रम से जुड़े हजारों हथियार विरासत में मिले. स्वतंत्र होने के वक्त यूक्रेन के पास 1900 सोवियत स्ट्रैटेजिक न्यूक्लियर हथियार और 2650 से 4200 टैक्टिकल न्यूक्लियर हथियार थे. इसके साथ ही उसके पास 176 अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलें, जिनकी रेंज 5000 किलोमीटर से अधिक थी और 10 थर्मोन्यूक्लियर बम, जो हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बमों से कई गुना शक्तिशाली थे.

क्यों छोड़े परमाणु हथियार?

परमाणु हथियार रखना यूक्रेन के लिए आसान निर्णय नहीं था. हथियार छोड़ने के पीछे की वजह थीं..

  • ऑपरेशन की कमांड रूस के पास: इन हथियारों के संचालन और कमांड सिस्टम पर रूस का नियंत्रण था.
  • अंतरराष्ट्रीय तनाव: परमाणु हथियारों को रखना अंतरराष्ट्रीय राजनीति में तनाव को बढ़ा सकता था.
  • अंतरराष्ट्रीय सहयोग की जरूरत: यूक्रेन को अपनी स्वतंत्रता की मान्यता और आर्थिक सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय समर्थन चाहिए था.

बुडापेस्ट मेमोरेंडम और परमाणु निरस्त्रीकरण

1994 में, यूक्रेन ने परमाणु अप्रसार संधि (NPT) पर हस्ताक्षर किए और "बुडापेस्ट मेमोरेंडम" के तहत अपने परमाणु हथियार रूस को सौंपने का समझौता किया.

  • संधि की शर्तें: रूस, अमेरिका और ब्रिटेन ने यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की गारंटी दी.
  • परमाणु हथियारों का हस्तांतरण: 1994 से 1996 के बीच सभी परमाणु हथियार रूस को सौंप दिए गए.
First Updated : Saturday, 23 November 2024