हिंडनबर्ग कैसे करता है रिसर्च, कौन है इसका मालिक, जानिए सबकुछ
हिंडनबर्ग रिसर्च ने एक बार फिर अपने रिपोर्ट से तहलका मचा दिया है. इस बार कंपनी ने सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच को लपेटे में लिया है. हिडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि, माधबी और उनके पति धवल बुच की उन ऑफशोर कंपनियों में हिस्सेदारी रही है, जो अडानी ग्रुप की वित्तीय अनियमिताओं से जुड़ी थीं. इस बीच आज हम आपको इस रिसर्च कंपनी के बारे में बताने जा रहे हैं तो चलिए जानते हैं.
अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप से जुड़े मामले में नया दावा किया है. हिडनबर्ग के रिपोर्ट के अनुसार, सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच और उनके पति की अडानी मनी साइफनिंग घोटाले में इस्तेमाल किए गए दो अस्पष्ट ऑफशोर फंडों में हिस्सेदारी थी. हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि माधवी पुरी बुच अडानी ग्रुप के साथ मिली हुई थीं, जिससे अडानी ग्रुप के खिलाफ 18 महीनों तक कोई कार्रवाई नहीं की गई. यह जानकारी हिंडनबर्ग ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर साझा की है.
अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी को साल 2017 में नाथन एंडरसन द्वारा स्थापित किया था. इस कंपनी का मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर, संयुक्त राज्य अमेरिका में है. यह फर्म अपनी वेबसाइट के माध्यम से सार्वजनिक रिपोर्ट तैयार करती है जो कॉर्पोरेट धोखाधड़ी और दुर्भावना का आरोप लगाती है.
हिडनबर्ग का मालिक कौन
हिडेनबर्ग रिसर्च कंपनी का मालिक नाथन एंडरसन हैं. लोग उन्हें एंडरसन के नाम से भी बुलाते हैं. एंडरसन की सही जन्म तिथि सार्वजनिक रूप से ज्ञात नहीं है, लेकिन 2023 की शुरुआत में उनकी उम्र 38 वर्ष बताई गई थी. एंडरसन कनेक्टिकट राज्य में पले-बढ़े, जहां उन्होंने एक रूढ़िवादी यहूदी डे स्कूल में पढ़ाई की है. बता दें कि, मार्च 2004 और जनवरी 2005 के बीच उन्होंने इज़राइल में एम्बुलेंस चालक के रूप में काम किया है.
हिंडनबर्ग रिसर्च कैसे करता है काम
दरअसल, हिंडनबर्ग रिसर्च कंपनी किसी एक कंपनी को टारगेट करता है और फिर उसके सार्वजनिक रिकॉर्ड, आंतरिक कॉर्पोरेट दस्तावेजों और उसके कर्मचारियों से बात करके उस पर एक जांच रिपोर्ट तैयार करता है. इसके बाद रिपोर्ट को हिंडनबर्ग के सीमित भागीदारों को प्रसारित किया जाता है, जो हिंडनबर्ग के साथ मिलकर रिपोर्ट को सार्वजनिक रूप से जारी करने से पहले लक्ष्य कंपनी में एक छोटी स्थिति लेते हैं. उसके बाद कंपनी के खिलाफ रिपोर्ट जारी कर उसके शेयर के गिरने का फायदा उठाता है.
हिटलर से है हिंडनबर्ग का कनेक्शन
हिडेनबर्ग रिसर्च के नाम के पीछे की कहानी काफी दिलचस्प है जो हिटलर से जुड़ा है. साल 1937 में जब जर्मनी में हिटलर का राज था तब जर्मनी टैंक से लेकर हवाई जहाज और फाइटर प्लेन बनाने में जुटा था. उस दौरान एक कमर्शियल पैसेंजर प्लेन बनाया गया था जिसका नाम हिडनबर्ग एयरशिप रखा गया. यह उसे दूर का सबसे बड़ा कमर्शियल प्लेन था. जब यह जहाज जर्मन से अमेरिका के लिए उड़ा औक न्यू जर्सी के ऊपर पहुंचा तो अचानक तेज धमाका हुआ.
नीचे खड़े लोगों ने देखा कि आसमान में आग का गोला जैसे कुछ उड़ रहा है. लोगों के चीखने की चिल्लाने की आवाज़ भी सुनाई दे रही थी. इससे पहले की लोग कुछ समझ पाते जहाज में भीषण आग लग गई. उस वक्त जहाज में 100 लोग सवार थे जिसमें से 35 लोगों की मौत हो गई. रिपोर्ट से पता चलता है कि जहाज में हाइड्रोजन गैस के 16 गुब्बारे थे और पहले भी इस तरह के गुब्बारे से हादसा हो चुके थे. इसी हादसे के नाम पर हिंडनबर्ग रिसर्च का नाम रखा गया है.