सैटेलाइट स्नाइपर, जहर और अब पेजर, वॉकी-टॉकी ब्लास्ट... मौसाद कैसे अपने दुश्मनों को मौत की नींद सुलाता है?

How Mossad Kill Enemies: लेबनान में दो दिनों में पेजर और वॉकी-टॉकी के ज़रिए हिज़्बुल्लाह के आतंकवादियों को निशाना बनाए जाने की इजराइल की कार्रवाई चर्चा में है. हमले का श्रेय इज़राइल के मोसाद को दिया जा रहा है, जिसमें कम से कम 30 लोग मारे गए और हज़ारों लोग घायल हो गए. इस ऑपरेशन ने हिज़्बुल्लाह की इम्पोर्ट किए गए टेक्निक पर निर्भरता की कमज़ोरियों को उजागर कर दिया.

Shyamdatt Chaturvedi
Shyamdatt Chaturvedi

How Mossad Kill Enemies: दो दिनों के अंदर लेबनान में ताबड़तोड़ धमाकों की आवाज सुनाई दी. धमाकों के बाद सड़कों, घरों, कारों में लोगों की लाशें पड़ी मिली और काफी संख्या में लोग घायल भी हुए. दरअसल, लेबनान का आतंकी समूह हिजबुल्लाह के लड़ाके जो पेजर और वॉकी-टॉकी यूज कर रहे थे, उनमें तबाड़तोड़ ब्लास्ट होना लगा. पेजर और वॉकी-टॉकी जिनके हाथों में थे, जिन घरों में ये रखे गए थे, जिन ऑफिस में इनका यूज किया जा रहा था, उनमें धमाके हुए. 

इन धमाकों में कम से कम 30 लोग मारे गए, हज़ारों से ज़्यादा लोग घायल हुए. धमाकों के बाद मृतकों की संख्या से ये तस्वीर सामने आती है कि इज़रायली खुफिया एजेंसी ने बहुत सावधानी से इसकी तैयारी की थी. इन धमाकों ने हिज़्बुल्लाह को सदमे में डाल दिया है. वहीं, इन धमाकों को इज़रायली खुफिया एजेंसी 'मोसाद' के सबसे जटिल ऑपरेशनों में से एक माना जा रहा है.

पेजर से वॉकी-टॉकी तक... मोसाद के हमलों का स्ट्रक्चर

न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ऑपरेशन की शुरुआत लेबनान में गूंजती बीप की आवाज़ से हुई. पेजर, जिन्हें लंबे समय से हिज़्बुल्लाह नेता हसन नसरल्लाह सेलफ़ोन का सुरक्षित विकल्प मानते थे, अचानक विनाश के साधन बन गए. मोसाद का हालिया ऑपरेशन की सटीकता और दायरा चौंका देने वाला था. मंगलवार को दोपहर 3:25 बजे, हिज़्बुल्लाह के दो सदस्य एक शॉपिंग मॉल में दोपहर का खाना खा रहे थे, तभी उनका पेजर फट गया. कुछ मिनट बाद, हिज़्बुल्लाह के एक दफ़्तर में एक और धमाका हुआ. कुछ ही मिनटों में, लेबनान और सीरिया के कुछ हिस्सों में सैकड़ों पेजर लगभग एक साथ फट गए.

अमेरिकी खुफिया सूत्रों ने NYT को बताया कि इज़राइल ने एक 'मास्क' कंपनी, BAC कंसल्टिंग की स्थापना की थी, जो जाहिर तौर पर हंगरी स्थित एक फर्म है, जिसे पेजर बनाने के लिए ताइवान की कंपनी गोल्ड अपोलो की ओर से अनुबंधित किया गया था. वास्तव में, ये एक विस्तृत इज़राइली खुफिया ऑपरेशन था.

बुधवार को पेजर के बाद वॉकी-टॉकी की बारी थी

मोसाद की तैयारी पेजर से आगे की थी. मंगलवार को पेजर में ब्लास्ट के बाद अब बारी वॉकी-टॉकी की थी. अगले दिन यानी बुधवार को हिजबुल्लाह की ओर से इस्तेमाल किए जाने वाले वॉकी-टॉकी और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में विस्फोट होने लगे. हर बार की तरह इज़राइली अधिकारियों ने न तो इन धमाकों में अपने हाथ होने की पुष्टि की और न ही इससे इनकार किया, लेकिन सूत्रों की मानें तो ये निश्चित है कि इन धमाकों में 'मोसाद' का ही हाथ था. 

इजराइली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने बुधवार रात को वॉर के एक नए चरण की शुरुआत की घोषणा की, क्योंकि इज़राइल ने अपना ध्यान हिजबुल्लाह की ओर मोड़ दिया. हिजबुल्लाह को एक स्पष्ट चेतावनी देते हुए इज़राइल के जनरलों में से एक ने कहा कि हमारे पास कई क्षमताएं हैं जिन्हें हमने अभी तक एक्टिव नहीं किया है.

ये पहली बार नहीं है जब मोसाद ने इस तरह का गुप्त हमला किया है. एजेंसी ने अपने मिशनों में सर्जिकल एक्यूरेसी के लिए एक अलग प्रतिष्ठा बनाई है, जिसमें ईरानी परमाणु वैज्ञानिकों से लेकर हाई रैंकिंग वाले हिजबुल्लाह नेताओं तक को निशाना बनाया गया है.

सवाल- आखिर अभी ही क्यों ऐसा हमला?

पेजर और वॉकी-टॉकी धमाकों के जरिए हमले के पीछे एक कारण ये है कि मोसाद अपने ब्रांड को फिर से बनाने के लिए दृढ़ है. फॉरेन पॉलिसी की एक रिपोर्ट में ऐसा दावा किया गया है. रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि हिजबुल्लाह पर ये लगातार हमले मोसाद की सर्वशक्तिमान और सर्वव्यापी छवि को बहाल करने में एक लंबा रास्ता तय करेंगे.

एक और कारण ये भी हो सकता है कि इज़राइल अब हिजबुल्लाह के साथ युद्ध के लिए तैयार है. 7 अक्टूबर, 2023 के बाद के हफ्तों में हिजबुल्लाह की ओर से इज़राइल में रॉकेट फायर तेज हो गया था, जिससे एक मजबूत इज़राइली प्रतिक्रिया की मांग की गई थी. उत्तरी सीमा तनाव का केंद्र बिंदु बन गई थी. इसलिए, इन संचार उपकरणों का विस्फोट न केवल हिजबुल्लाह के बुनियादी ढांचे को पंगु बनाने के लिए, बल्कि नसरल्लाह और उसके मिलिशिया को एक डरावना संदेश भेजने के लिए किया गया लगता है. अब कहा जा रहा है कि इज़राइल किसी भी समय और किसी भी रूप में हमला कर सकता है.

आइए, मोसाद के वर्ल्ड लेबल पर किए गए मुख्य ऑपरेशन के बारे में जान लेते हैं

ऑपरेशन रैथ ऑफ गॉड (1972-1979): म्यूनिख ओलंपिक नरसंहार के लिए जिम्मेदार लोगों को निशाना बनाया.

एडोल्फ इचमैन का पकड़ा जाना (1960): अर्जेंटीना से नाजी युद्ध अपराधी का अपहरण

महमूद अल-मभौह की हत्या (2010): दुबई में हमास कमांडर की हत्या

ऑपरेशन एंटेबे (1976): युगांडा में बंधक बचाव अभियान

स्टक्सनेट साइबर हमला (2008): ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बाधित किया

ईरानी परमाणु रहस्यों की चोरी (2018): तेहरान से चुराए गए दस्तावेज़

इमाद मुगनीह की हत्या (2008): दमिश्क में हिजबुल्लाह कमांडर मारा गया

मोसाद के प्रमुख ऑपरेशन के तरीके, टारगेट और रिजल्ट

घातक फोन कॉल (1996)
टारगेट: याह्या अय्याश, हमास बम निर्माता
मैथड: विस्फोटक से भरा मोबाइल फोन
रिजल्ट: सिर पर घातक चोट

गर्दन पर जहर (1997)
टारगेट: खालिद मशाल, हमास पोलित ब्यूरो प्रमुख
मैथड: कोका-कोला रिसाव के रूप में प्रच्छन्न ज़हरीला स्प्रे
रिजल्ट: विफल; मशाल की जान बचाने के लिए एंटीडोट दिया गया

नकली पर्यटक (2010)
टारगेट: महमूद अल-मबौह, हमास हथियार खरीदार
मैथड: पर्यटकों के रूप में प्रस्तुत मोसाद हिट टीम
रिजल्ट: टारगेट को बेहोश कर दिया गया और उसका गला घोंट दिया गया

ट्रैफिक ब्लास्ट (2010-2020)
टारगेट: ईरानी परमाणु वैज्ञानिक
मैथड: वाहनों पर लगाए गए चुंबकीय बम
रिजल्ट: कई वैज्ञानिक मारे गए या घायल हुए

सैटेलाइट स्नाइपर (2020)
टारगेट: मोहसेन फखरीजादेह, ईरान के मुख्य परमाणु वैज्ञानिक
मैथड: सैटेलाइट-नियंत्रित अल-सहायता प्राप्त स्नाइपर राइफल
रिजल्ट: लक्ष्य मारा गया

सोर्स: ब्लूमबर्ग

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20 September 2024, 09:45 AM IST

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