कहां ले आई भुखमरी हाथियों को मारकर बांटा जाएगा मीट जानें सरकार का प्लान

Hunger In Zimbabwe: दुनिया के कई देश ऐसे हैं जहां भुखमरी एक बड़ी समस्या है. इससे निपटने के लिए देश लगातार कोशिश भी करते हैं और अन्य देशों से मदद भी लेते हैं. लेकिन, क्या आपने कभी सुना है कि इस समस्या का समाधान करने के लिए किसी जानवर को मारा जाए. ऐसा हो रहा है जिम्बाब्वे में, यहां सरकार ने हाथियों को मारकर लोगों में मीट बांटने का फैसला लिया है.

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Hunger In Zimbabwe: भुखमरी इंसान को कहां से कहां तक ले आती है. पेट भरने के लिए लोग कुछ भी करने को मजबूर हो जाते हैं. वहीं सरकारों को भी इसके आगे घुटने टेकने पड़ जाते हैं. इन हालातों का अंदाजा इन दिनों जिम्बाब्वे को देखकर लगाया जा सकता है. देश में बड़ा वर्ग इस समय भुखमरी से जूझ रहा है. सरकार ने इसके लिए कई कोशिश की लेकिन कुछ खास नहीं हो पाया. ऐसे में अब वहां हाथियों को मारने का फैसला किया गया है. सरकार ने 200 हाथी मारकर लोगों में मीट बांटने के आदेश दिए हैं.

जिम्बाब्वे में लगभग 1 लाख हाथी रहते हैं, लेकिन यहां के नेशनल पार्कों में सिर्फ 55,000 हाथियों को ही जगह दी जा सकती है. इस बड़ी संख्या के चलते सरकार ने एक कठोर कदम उठाते हुए कुछ हाथियों को मारने का फैसला लिया है.

भुखमरी से निपटने के लिए हाथियों की हत्या

जिम्बाब्वे सरकार ने भुखमरी से जूझ रहे लोगों की मदद के लिए 200 हाथियों को मारने का आदेश दिया है. हाथियों का मांस विभिन्न समुदायों में बांटा जाएगा, जिससे लोगों को भोजन मिल सके. यह कदम सूखे के कारण देश में फैली गंभीर स्थिति से निपटने के लिए उठाया गया है.

सूखे की मार: देश की आधी आबादी प्रभावित

जिम्बाब्वे पिछले चार दशकों में सबसे बड़ी सूखे की समस्या का सामना कर रहा है. 'अल नीनो' के प्रभाव से देश की अधिकांश फसलें बर्बाद हो चुकी हैं, जिससे 6 करोड़ 80 लाख से अधिक लोग भोजन की कमी से पीड़ित हैं. इस संकट ने सरकार को हाथियों की आबादी को नियंत्रित करने और उनके मांस का उपयोग करने पर मजबूर कर दिया है.

हाथियों की संख्या नियंत्रित करने की जरूरत

जिम्बाब्वे के पार्क एंड वाइल्ड लाइफ अथॉरिटी के प्रवक्ता फरावो के अनुसार, हाथियों की हत्या का एक और कारण उनकी बढ़ती संख्या को नियंत्रित करना है. पिछले साल, हाथियों के हमले में 50 लोगों की मौत हो गई थी, जिससे नागरिकों और वन्यजीवों के बीच संतुलन बनाए रखना मुश्किल हो गया है.

हाथी दांत की बिक्री की मांग

जिम्बाब्वे सरकार ने हाथियों की हत्या के साथ-साथ उनके दांतों को बेचने की भी इजाजत मांगी है. जिम्बाब्वे, बोत्सवाना और नामीबिया जैसे देश संयुक्त राष्ट्र से हाथियों के दांतों के व्यापार पर लगी रोक को हटाने की मांग कर रहे हैं. जिम्बाब्वे के पास लगभग 5 हजार करोड़ रुपये की कीमत के हाथी दांत उपलब्ध हैं. इनके व्यापार से देश के नागरिकों को आर्थिक लाभ मिल सकता है, जो इस समय गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं.

नामीबिया में भी उठाए गए कदम

जिम्बाब्वे से पहले, नामीबिया ने भी सूखे से निपटने के लिए 83 हाथियों को मारकर उनके मांस का वितरण किया था. दोनों देशों में हाथियों की बढ़ती संख्या और भुखमरी से निपटने के लिए वन्यजीवों का उपयोग किया जा रहा है.

First Updated : Thursday, 19 September 2024