नहीं पहना हिजाब तो सीधे मिलेगी फांसी! इस देश ने महिलाओं के लिए बनाया काला कानून

Hijab Laws: ईरान में 1979 से अनिवार्य हिजाब कानून 2022 में महसा अमिनी की मौत के बाद विवादों के केंद्र में आ गया. अब दो साल बाद सरकार ने इन कानूनों को और सख्त बना दिया है.

calender

Iran New Hijab Laws: ईरान ने हाल ही में हिजाब को लेकर नए कड़े कानून लागू किए हैं, जो विवाद का कारण बन गए हैं. इन कानूनों के तहत अगर महिलाएं हिजाब के नियमों का पालन नहीं करतीं, तो उन्हें मौत की सजा तक हो सकती है. नए कानून के अनुच्छेद 60 के अनुसार, दोषी महिलाओं को जुर्माना, कोड़े की सजा या लंबी जेल की सजा हो सकती है. 

अगर कोई महिला बार-बार इस कानून का उल्लंघन करती है, तो उसे 15 साल तक की जेल या फांसी की सजा दी जा सकती है. इसके साथ ही, ईरानी सरकार ने एक विवादास्पद हिजाब क्लीनिक खोलने का ऐलान किया है, जिसका उद्देश्य महिलाओं को हिजाब पहनने के लिए मजबूर करना है. 

ईरान में महिलाओं के हिजाब पर काला कानून

ईरान सरकार ने यह भी कहा है कि यदि कोई विदेशी मीडिया या संगठन हिजाब विरोधी विचारों को बढ़ावा देता है, तो उसे 10 साल तक की जेल और 12,500 पाउंड तक का जुर्माना भुगतना पड़ेगा. इसके अलावा, यदि कोई महिला की गिरफ्तारी को रोकने की कोशिश करता है, तो उसे भी सजा दी जाएगी. 

विरोध करने वालों को सीधे मृत्‍युदंड

2022 में हिजाब कानूनों के खिलाफ बड़े विरोध प्रदर्शन हुए थे. इस विरोध का कारण 22 वर्षीय महसा अमिनी की पुलिस हिरासत में मौत थी, जिसे मोरल पुलिस ने ड्रेस कोड का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. उसकी मौत के बाद देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे. 

कानून बना दुनिया में विवाद का कारण

अब, दो साल बाद, ईरान सरकार ने और सख्त हिजाब कानून लागू कर दिए हैं. ये नए कानून न केवल ईरान में, बल्कि पूरी दुनिया में विवाद का कारण बने हैं. मानवाधिकार संगठनों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने इन कानूनों का विरोध किया है, और इसे महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन बताया है. हालांकि, ईरान सरकार का कहना है कि इन कानूनों का उद्देश्य समाज में हिजाब की संस्कृति को बनाए रखना और महिलाओं को एक विशेष ड्रेस कोड अपनाने के लिए प्रेरित करना है. First Updated : Thursday, 12 December 2024