India-Canada Tension: कान खोलकर सुन लो हिंदुओं... कनाडा में रहना है तो देने होंगे 70 हज़ार डॉलर !

कनाडा में इंडियन एम्बेसी की ओर से कांसुलर कैंप्स का आयोजन किया जाना था. लेकिन सुरक्षा को देखते हुए इसे रद्द कर दिया गया है. इसी को लेकर विवाद अब गहरा गया है. रिपोर्ट्स की मानें तो कनाडा की पुलिस ने एक हिंदू संगठन से 70 हज़ार डॉलर की सिक्योरिटी फीस मांग की गई, जिसका हिंदू संगठनों ने विरोध किया

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India-Canada Tension: कनाडा-भारत में चल रहे तनाव के बीच अब एक नया विवाद सामने आया है. दरअसल, कनाडा में इंडियन एम्बेसी ने कांसुलर कैंप्स शुरु किया था. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कनाडाई पुलिस ने एक संगठन से सिक्योरिटी फीस के रुप में 70 हज़ार डॉलर की मांग उठाई है. वहीं, इसे लेकर हिंदू संगठनों ने नाराजगी जताई है. 

कनाडा के ब्राम्पटन स्थित त्रिवेणी मंदिर ने इंडियन एम्बेसी की ओर से डिस्ट्रीब्यूशन ऑफ लाइफ सर्टिफिकेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था, जिसे रद्द कर दिया गया. कनाडा की पुलिस ने जानकारी दी थी कि मंदिर परिसर में होने वाले कार्यक्रम में हिंसक विरोध प्रदर्शनों को लेकर वार्निंग दी गई हैं. आपको बता दें कि हर साल कनाडा में नवंबर के महीने में इन कैंप का आयोजन किया जाता है. वहीं, इस बार ये कैंप 17 नवंबर को आयोजित होने वाला था. कैंप के जरिए पेंशनर्स को जीवन प्रमाण पत्र जारी किया जाना था. 

लोगों की सुरक्षा के चलते रद्द किया प्रोग्राम 

इसके अलावा, मंदिर प्रशासन ने अपने बयान में बताया, "हमें Peel क्षेत्रीय पुलिस से आधिकारिक खुफिया सूचना मिली, जिसमें कहा गया कि हिंसक विरोध प्रदर्शनों का खतरा बहुत उच्च और तत्काल है." जिसके चलते मंदिर प्रशासन ने प्रोग्राम को रद्द किया. ताकि मंदिर में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं और समुदाय के लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकें. आगे कहा, "हम बहुत दुखी हैं कि अब कनाडा में हिंदू मंदिरों में लोग असुरक्षित महसूस करने लगे हैं."


पहले भी हिंदू मंदिरों पर हो चुका हमला 

इससे पहले भी कनाडा में वहां मौजूद हिंदू मंदिरों पर हमला किया जा चुका हैं. ब्राम्पटन स्थित हिंदू सभा मंदिर में खालिस्तानी झंडे लहराए गए थे. इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने हिंसक झड़प भी की. जिसके बाद इंडियन एम्बेसी ने कई अन्य कांसुलर कैंप्स को रद्द कर दिया था. वहीं, भारत ने भारतीय नागरिकों की सुरक्षा को लेकर चिंता भी व्यक्त की थी. इसे लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि कनाडा को इस समस्या का समाधान करना होगा, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं ना हों.
  First Updated : Friday, 15 November 2024