कंगाल पाक पर IMF मेहरबान, दे दिए 7 अरब डॉलर पर शर्तें आसान नहीं हैं
IMF 7 Billion Dollar Loan To Pakistan: पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पिछले साल डिफॉल्ट के करीब आने के बाद कुछ हद तक स्थिर हुई है. हालांकि, इसमें IMF के बेलआउट और मित्र देशों से मिलने वाले ऋणों का हिस्सा है. अब एक बार फिर से उसे IMF की ओर से 7 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज दिया गया है. हालांकि, इसके साथ ही कुछ शर्तें लगाई गई हैं जिस कारण पाकिस्तान की आम जनता को काफी समस्या होने वाली है.
IMF 7 Billion Dollar Loan To Pakistan: पाकिस्तान इस समय भारी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है और उसकी आर्थिक स्थिति बहुत ही खराब है. वह आर्थिक सहायता के लिए लगातार अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से अनुरोध कर रहा था. IMF ने अब पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर का नया कर्ज देने की मंजूरी दी है. यह कर्ज 37 महीनों के दौरान अलग-अलग किस्तों में प्रदान किया जाएगा. इसका उद्देश्य पाकिस्तान की कमजोर अर्थव्यवस्था को फिर से सुधारने और उसे स्थिरता की ओर ले जाने में मदद करना है. हालांकि, इसके साथ ऐसी शर्तें लगा दी गईं हैं जो आम लोगों के लिए समस्या बनकर सामने आएंगी.
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने IMF से मिले बेलआउट पैकेज का स्वागत करते हुए IMF प्रमुख क्रिस्टालिना जॉर्जीवा और उनकी टीम का धन्यवाद किया. प्रधानमंत्री शरीफ ने दावा किया कि यह IMF से पाकिस्तान के लिए आखिरी कर्ज होगा. उन्होंने इसका श्रेय अपने मित्र देशों के साथ उप-प्रधानमंत्री इशाक डार, सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को दिया है.
IMF ने रखी सख्त शर्तें
IMF का मानना है कि पाकिस्तान को अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए मजबूत नीतियों और सुधारों की जरूरत है. वॉशिंगटन में बुधवार को हुई IMF बोर्ड की बैठक में इस नए समझौते को मंजूरी दी गई. समझौते के तहत पाकिस्तान को IMF की कुछ शर्तों का पालन करना होगा.
ये शर्तें शामिल हैं
- कृषि क्षेत्र पर 45 प्रतिशत आयकर लगाना
- बिजली के दामों में बड़ा इजाफा करना
- सरकार को टैक्स संग्रहण में बढ़ोतरी करनी होगी
आर्थिक संकट और ऋण का बोझ
आईएमएफ के अनुसार, 2023 के अंत में पाकिस्तान का कुल कर्ज 250 अरब डॉलर से अधिक हो गया, जो देश के जीडीपी का 74 प्रतिशत है. इसका 40 प्रतिशत कर्ज बाहरी ऋणदाताओं के पास है. चीन और चीनी वाणिज्यिक बैंकों का कुल कर्ज 30 अरब डॉलर के करीब है, जबकि विश्व बैंक का कर्ज 20 अरब डॉलर से अधिक है.
संरचनात्मक चुनौतियां बरकरार
आईएमएफ ने कहा कि पाकिस्तान ने आर्थिक स्थिरता बहाल करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, लेकिन इसके बावजूद देश की संरचनात्मक चुनौतियां गंभीर बनी हुई हैं. कमजोर शासन, कठिन व्यावसायिक माहौल और राज्य की अत्यधिक भूमिका निवेश को प्रभावित कर रही है, जो अन्य देशों की तुलना में काफी कम है.