अवाम के लिए मुसीबत बनकर आएगी पाकिस्तान की नई सरकार, क्या है सबसे बड़ी चुनौती

Pakistan Crisis: पाकिस्तान में नई सरकार बनने वाली है. सरकार बनने से पहले ही देश के सामने कई तरह की चुनौतियाँ हैं. अब देखना होगा कि सरकार किस तरह सबसे बड़ी चुनौती से निपटती है.

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Pakistan News: पाकिस्तान में 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव के बाद मुस्लिम लीग और पीपुल्स पार्टी ने केंद्र में सरकार बनाने का ऐलान किया है. जबकि अन्य राजनीतिक दल भी सरकार बनाने की कोशिश कर रहे हैं. देश में बनने वाली नई सरकार को जहां राजनीतिक मोर्चे पर कई समस्याओं का सामना करना पड़ेगा, वहीं उससे भी ज्यादा गंभीर आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ेगा, जिसमें देश का खराब आर्थिक विकास, महंगाई, बेरोजगारी के साथ-साथ एक बड़ी चुनौती है. देश का आंतरिक और बाह्य कर्ज़ का बोझ है, जो पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ गया है.

अप्रैल में खत्म हो रहा IMF से समझौता:

पाकिस्तान दशकों से 'कर्ज के जाल' में फंसा हुआ है, लेकिन हाल के वर्षों में कर्ज में बढ़ोतरी और पाकिस्तान की सिकुड़ती अर्थव्यवस्था के कारण इन कर्जों को चुकाना और उन पर ब्याज देना एक बड़ी समस्या बन गई है. नई सरकार के सामने आने वाली पहली समस्याओं में से एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ एक नए समझौते पर बातचीत करना है. पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच समझौता अप्रैल में खत्म हो जाएगा. आने वाली सरकार के पास आईएमएफ के साथ डील में देरी की कोई गुंजाइश नहीं है और यही पहली और सबसे बड़ी चुनौती है.

Pakistan पर कितना है कर्ज:

जुलाई 2023 में नौ महीने के लिए हुए इस समझौते से पाकिस्तान को तीन अरब डॉलर की मदद मिली, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को कुछ सहारा मिला, लेकिन जैसे ही नई सरकार ने सत्ता संभेगी और देश अगला बजट भी पेश करने का वक़्त आ गया है, ऐसे में देखना होगा कि सरकार किस तरह आर्थिक संतुलन बनाती है. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पूर्व गवर्नर रजा बाकिर के मुताबिक, पाकिस्तान पर आठ अरब डॉलर के करीब का क़र्ज़ है. जबकि उसे विदेशी कर्ज के तौर पर अगले पांच साल में सात अरब डॉलर चुकाने हैं. इसलिए, पाकिस्तान के पास आईएमएफ के साथ समझौता करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा. अब देखना होगा कि नई सरकार किस तरह आईएमएफ़ से निपटती है. 

बजट से पहले बातचीत जरूरी:

सबसे मुश्किल बात यह है कि अगर आईएमएफ मानता है तो पाकिस्तान की मुश्किलों में और इज़ाफ़ा होगा. दरअसल आईएमएफ़ पाकिस्तान और कड़ी शर्तें लगाएगा, जिससे टेक्स में और बढ़ोतरी होना तय है और जनता की परेशानियों में इज़ाफ़ा होना भी तय है. सरकार को हर हाल में जून से पहले आईएमएफ के साथ समझौते पर पहुंचना होगा क्योंकि इसके बिना बजट की तैयारी संभव नहीं होगी.

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First Updated : Wednesday, 21 February 2024