रूस-यूक्रेन वॉर का भारत पर असर! खाद की बढ़ी कीमतें कम करने में जुटी मोदी सरकार
रूस-यूक्रेन संकट के चलते खाद की कीमतों में आई वृद्धि ने किसानों को नई चुनौतियों का सामना कराया है. मोदी सरकार ने सब्सिडी के माध्यम से इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए हैं. इससे न केवल किसानों को राहत मिली है, बल्कि कृषि उत्पादन और खाद्य सुरक्षा में भी सुधार हुआ है. इस प्रकार, सरकार का यह प्रयास किसानों को संकट के समय में सहारा देने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र को स्थिर और मजबूत बनाए रखने में सहायक साबित हो रहा है.
रूस युक्रेन का वॉर को एक साल से अधिक समय हो गया. दोनों देशों के बीच जंग का असर दुनिया समेत भारत में भी देखने को मिल रहा है. दरअसल रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष ने खाद की कीमतों में काफी वृद्धि कर दी है. इस संकट के कारण खाद की आपूर्ति प्रभावित हुई है और वैश्विक बाजार में उसकी कीमतें बढ़ गई हैं. इसका सीधा असर किसानों पर पड़ा है, जो खाद की महंगी कीमतों से जूझ रहे हैं.
भारत सरकार, विशेष रूप से नरेंद्र मोदी की सरकार, इस स्थिति से निपटने के लिए कई कदम उठा रही है. सरकार ने खाद की कीमतों में वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए सब्सिडी की योजना लागू की है.
खाद की कीमतों में वृद्धि
रूस और यूक्रेन दोनों ही खाद के प्रमुख उत्पादक देश हैं. जब से इन दोनों देशों के बीच संघर्ष शुरू हुआ, खाद की आपूर्ति श्रृंखला में बाधाएं आई हैं, जिससे खाद की कीमतें बढ़ गई हैं. इस स्थिति से निपटने के लिए सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी पड़ी.
मोदी सरकार की सब्सिडी योजना
मोदी सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए खाद पर सब्सिडी देने का निर्णय लिया है. इस सब्सिडी का मुख्य उद्देश्य खाद की कीमतों को नियंत्रित रखना और किसानों को सस्ती दर पर खाद उपलब्ध कराना है.
किसानों को मिलेगी सब्सिडी योजना
सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि खाद की कीमतों में वृद्धि का भार किसानों पर न पड़े. सब्सिडी के माध्यम से, किसानों को खाद की लागत में कमी की जाती है, जिससे उन्हें खेती करने में सहायता मिलती है और उनकी आर्थिक स्थिति भी मजबूत रहती है.
किसानों के सामने नई चुनौती
रूस-यूक्रेन संकट के चलते खाद की कीमतों में आई वृद्धि ने किसानों को नई चुनौतियों का सामना कराया है. मोदी सरकार ने सब्सिडी के माध्यम से इस समस्या से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए हैं. इससे न केवल किसानों को राहत मिली है, बल्कि कृषि उत्पादन और खाद्य सुरक्षा में भी सुधार हुआ है. इस प्रकार, सरकार का यह प्रयास किसानों को संकट के समय में सहारा देने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र को स्थिर और मजबूत बनाए रखने में सहायक साबित हो रहा है.