रूस और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में सुधार, क्या भारत को होगी नई रणनीतिक चुनौती?
रूस और पाकिस्तान के बीच बढ़ती दोस्ती ने अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में हलचल मचा दी है. पिछले कुछ महीनों में दोनों देशों के बीच सैन्य और व्यापारिक सहयोग बढ़ा है, जिससे भारत के लिए नई चिंताएं पैदा हो रही हैं. हाल ही में, रूस और पाकिस्तान ने उत्तरी अरब सागर में एक द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास "अरेबियन मानसून-VI" सफलतापूर्वक आयोजित किया. इस अभ्यास में दोनों देशों की नौसेना के युद्धपोतों और अन्य सैन्य उपकरणों ने हिस्सा लिया.

रूस और पाकिस्तान के बीच हाल ही में बढ़ती सैन्य और व्यापारिक साझेदारी भारत के लिए चिंता का कारण बन सकती है. रूस, जो अब तक भारत के साथ अपने मजबूत रिश्तों को प्राथमिकता देता रहा है, अब पाकिस्तान के साथ करीब आ रहा है. रूस और पाकिस्तान ने हाल ही में एक द्विपक्षीय नौसैनिक अभ्यास "अरेबियन मानसून-VI" आयोजित किया, जिसमें दोनों देशों की नौसेनाएं और वायुसेनाएं शामिल हुईं. इस अभ्यास में समुद्री सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता को स्पष्ट किया गया.
अरेबियन मानसून-VI अभ्यास उत्तरी अरब सागर में आयोजित किया गया, जिसमें पाकिस्तानी और रूसी नौसेना के कई युद्धपोत शामिल थे. पाकिस्तानी वायु सेना के विमानों ने भी इस अभ्यास में भाग लिया. इस अभ्यास के दौरान दोनों देशों ने मल्टी डायमेंशनल समुद्री युद्धाभ्यास किया और समुद्री सुरक्षा के खतरों से निपटने के लिए समन्वय बढ़ाने पर जोर दिया. इससे पहले, रूसी नौसना के जहाज कराची में होस्ट किए गए, जहां दोनों देशों के बीच विभिन्न बैठकें और चर्चाएं हुईं.
रूस-पाकिस्तान व्यापारिक संबंधों में वृद्धि
रूस और पाकिस्तान ने पिछले साल से मालवाहक जहाजों के जरिए सीधी व्यापारिक साझेदारी भी शुरू की है. पाकिस्तान ने रूस से सीमित मात्रा में कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की खरीद भी शुरू कर दी है. इन व्यापारिक संबंधों के बढ़ने से पाकिस्तान की ऊर्जा आवश्यकताओं की आपूर्ति में रूस की महत्वपूर्ण भूमिका सामने आई है.
भारत की सुरक्षा चिंता
रूस और पाकिस्तान के बढ़ते सहयोग के कारण भारत की सुरक्षा संबंधी चिंताए बढ़ सकती हैं, खासकर जब दोनों देशों के बीच सैन्य और व्यापारिक संबंध मजबूत हो रहे हैं. रूस, जो लंबे समय से भारत का विश्वसनीय साझेदार रहा है, अब पाकिस्तान के साथ अपने रिश्ते बढ़ा रहा है, जिससे भारत को अपनी रणनीतिक स्थिति पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता हो सकती है.