मुक़दमे की सुनवाई के दौरान जज से भिड़ गए इमरान खान और शाह महमूद क़ुरैशी, फेंक दी आधिकारिक फाइल
Imran Khan Shah Mehmood Qureshi: इमरान खान और उनके करीबी नेता शाह महमूद क़ुरैशी को स्पेशल कोर्ट ने साइफर केस में 10-10 साल की सज़ा सुनाई है.
Imran Khan: पाकिस्तान में आम चुनाव से पहले इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई की मुश्किलों में इज़ाफ़ा हो गया है. इमरान खान और शाह महमूद क़ुरैशी को साइफर केस में 10-10 साल की कैद का ऐलान किया गया है. मंगलवार को स्पेशल कोर्ट के जज अबुल हसनत ने यह फ़ैसला सुनाया है. बताया जा रहा है कि जिस समय मामले की सुनवाई चल रही थी उस वक़्त इमरान खान और शाह महमूद क़ुरैशी जज पर भड़क गए थे और उन्होंने कुछ फ़ाइलें भी फेंक दी थी.
रावलपिंडी की अडियाला जेल में विशेष अदालत के न्यायाधीश अबुल हसनत ने सिफर मामले की सुनवाई की, इस दौरान इमरान खान के वकीलों की अनुपस्थिति के कारण मामले में गवाहों के बयानों की जिरह शुरू नहीं हो सकी. कोर्ट के आदेश पर इमरान खान और शाह महमूद को सरकार की ओर से दिए गए वकील कोर्ट में पेश हुए, जिस पर दोनों ने सरकार की ओर से दिए गए वकीलों की सफाई पर अविश्वास जताया.
मामले की सुनवाई के दौरान इमरान खान और अदालत के जज के बीच काफी तीखी बातचीत हुई और शाह महमूद ने सरकार की ओर से दिए गए वकील की केस फाइल हवा में फेंक दी. इमरान खान ने जज से बातचीत की कि जिन वकीलों पर हमें भरोसा नहीं है, वे हमारा प्रतिनिधित्व करेंगे? ख़ान आगे कहते हैं कि यह कैसा मजाक है? मैं तीन महीने से कह रहा हूं कि मुझे सुनवाई से पहले वकीलों से मिलने की अनुमति दी जानी चाहिए. बार-बार अनुरोध के बावजूद, मुझे वकीलों से परामर्श करने की इजाज़त नहीं है. अगर बातचीत की अनुमति नहीं है, तो मामला कैसे आगे बढ़ेगा?
इमरान खान के सवाल पर जज ने कहा कि आपको जितनी राहत मिल सकती थी मैंने दी है. मंत्री को साइकिल मुहैया कराई है या वकीलों से मुलाकात की है, आपका अर्ज़ी क़बूल की है. मेरे रिकॉर्ड में 75 अनुरोध हैं जो बैठकों से संबंधित हैं. इस पर इमरान खान ने कहा कि आपने मीटिंग का आदेश दिया लेकिन मीटिंग नहीं हुई, खुले मुकदमे में किसी को जेल आने से कैसे रोका जा सकता है.
इस मौके पर शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि सरकार की ओर से यह मजाक यहां-वहां किया जा रहा है. इस पर जज ने कहा कि शाह महमूद कुरैशी साहब, अगर आप खुद से जिरह करना चाहते हैं तो आप खुद कर सकते हैं. लेकिन आपकी वकीलों ने आने की जहमत नहीं उठाई. क़ुरैशी ने कहा कि यह सरकारी ड्रामा नहीं चलेगा, ऐसे में मुकदमे की विश्वसनीयता क्या रहेगी.
जज अबुल हसनत की बातों पर शाह महमूद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जमानत फैसले का भी मजाक उड़ाया गया, जेल से बाहर आते ही दूसरे मामले में ले लिया गया.
जज ने पूछा कि शाह साहब को इस मामले को लटकाने से क्या फायदा? शाह महमूद ने कहा कि जेल में कोई सुख से नहीं रहता, मैं अपना वकील पेश करना चाहता हूं, सरकारी वकीलों पर भरोसा नहीं किया जाता, इस पर जज ने कहा कि आप अपने वकील को बुलाएं. शाह महमूद क़ुरैशी ने कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा नामित वकीलों द्वारा बचाव किया जा रहा है, इससे साबित होता है कि फैसला हमारे खिलाफ हुआ है.