बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा, इस्कॉन पर बैन की मांग
Violence against Hindus in Bangladesh: बांग्लादेशी सरकार ने इस्कॉन यानी इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस को एक धार्मिक कट्टरपंथी संगठन बताया है. उसने हाई कोर्ट में दायर एक याचिका दायर कर इस पर बैन लगाने की मांग की है, जिस पर आज हाई कोर्ट सुनवाई करेगा.
Violence against Hindus in Bangladesh: बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ बढ़ती हिंसा के बीच, वहां की हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की गई है, जिसमें इस्कॉन (इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कंसियसनेस) पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है. इस याचिका में इस्कॉन को कट्टरपंथी संगठन बताया गया है और आरोप लगाया गया है कि यह संगठन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा करता है और सांप्रदायिक तनाव को बढ़ावा देता है.
जमात-ए-इस्लामी का अल्टीमेटम और मंदिरों पर हमले
जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश के कार्यकर्ताओं ने इस्कॉन मंदिर को 24 घंटे के भीतर बंद करने का अल्टीमेटम दिया है. इससे पहले, बांग्लादेश में एक इस्कॉन मंदिर का बोर्ड भी हटा दिया गया था. यह याचिका तब दायर की गई है, जब बांग्लादेश में इस्कॉन के प्रमुख संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर विवाद बढ़ गया है. चिन्मय कृष्ण दास को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. चटगांव में इमरजेंसी लगाने की मांग भी उठी है. हाई कोर्ट ने सरकार से कहा है कि वह इस्कॉन पर बैन लगाने के लिए एक रिपोर्ट तैयार कर के दे.
कांग्रेस नेता की चिंता और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय की हालत
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को गंभीर और चिंताजनक बताया है. वहीं, विश्व हिंदू परिषद (VHP) और कई अन्य हिंदू संगठनों ने भी इस मामले पर सवाल उठाए हैं. ये घटनाएं यह दर्शाती हैं कि बांग्लादेश में अब हिंदू समुदाय के लिए जीना और अपनी आवाज उठाना मुश्किल होता जा रहा है. हिंदू समुदाय के लोग अब डर और असुरक्षा महसूस कर रहे हैं, और उन्हें न तो न्याय मिल रहा है और न ही सुरक्षा.
चटगांव में मंदिरों पर हमले
चटगांव के फिरंगी बाजार में लोकनाथ मंदिर और मनसा माता मंदिर के अलावा, हजारी लेन में काली माता मंदिर में घुसकर तोड़फोड़ करने की कोशिश की गई है. ये हमले हिंदू समुदाय के खिलाफ हो रहे बढ़ते हमलों का हिस्सा हैं.
बांग्लादेश सरकार का बयान
बांग्लादेश की केयरटेकर सरकार ने इन हमलों पर सफाई दी है. विदेश मंत्रालय ने कहा है कि चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी को कुछ लोगों ने गलत तरीके से पेश किया है. सरकार ने यह भी कहा कि बांग्लादेश की न्यायपालिका पूरी तरह से स्वतंत्र है और सरकार उनके कामकाज में दखल नहीं देती. इस समय, बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के लोग भारी तनाव और डर के बीच जी रहे हैं, और उन्हें अपनी सुरक्षा और अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.