India-China Relation: भारतीय सेना और चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) द्वारा विवादित वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर तनाव कम करने के लिए 14 अगस्त को 19वें दौर की सैन्य वार्ता आयोजित करने की संभावना है. जहां दोनों पक्षों के बीच तीन साल से अधिक समय से सीमा विवाद जारी है. कोर कमांडर स्तर की आखिरी सैन्य वार्ता इस साल 23 अप्रैल को हुई थी, लगभग चार महीने यह फिर होने जा रहा है.
दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध जारी है
बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच तीन वर्षों से अधिक समय से जारी सैन्य गतिरोध का समाधान खोजने पर विचार-विमर्श किया जाएगा. मई 2020 में चीनी सैनिकों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर आक्रामक ढंग से यथास्थिति बदलने का प्रयास किया था. उसके बाद से दोनों देशों के बीच सैन्य गतिरोध बना हुआ है.
चीनी सेना के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता के लिए भारतीय पक्ष का नेतृत्व फायर एंड फ्यूरी कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल रशीम बाली द्वारा किए जाने की संभावना है. विदेश मंत्रालय और आइटीबीपी के अधिकारियों के भी वार्ता में शामिल होने की उम्मीद है. रक्षा सूत्रों ने बताया कि वार्ता के दौरान भारत पूर्वी लद्दाख के अग्रिम मोर्चे से सैनिकों की वापसी पर जोर दे सकता है.
2020 के बाद दोनों देशों के संबंध हुए कमजोर- अजित डोभाल
पिछले महीने दक्षिण अफ्रिका के जोहान्सबर्ग में हुई फ्रेंड्स ऑफ ब्रिक्स ( Friends Of Brics) की बैठक में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA)अजित डोभाल ने चीनी राजनयिक वांग यी से कहा था कि 2020 के बाद भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में एलएसी भारत की वास्तविक सीमा पर स्थिति ने रणनीतिक विश्वास और दोनों देशों के बीच संबंधों के सार्वजनकि और राजनीतिक आधार को कमजोर कर दिया है.
संबंधों को मजबूत करने का चीन ने कही थी बात
चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार वांग यी ने कहा कि दोनों पक्षों को रणनीतिक आपसी विश्वास बढ़ाना चाहिए, आम सहमति और सहयोग पर ध्यान देना चाहिए और साथ ही साथ सभी रुकावटों को दूर करना चाहिए. उन्होंने दोनों देशों के संबंधों को जल्द से जल्द मजबूत करने और स्थिर विकास की पटरी पर लाने की भी बात कही. First Updated : Saturday, 12 August 2023