India China Border Dispute: भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को कजाकिस्तान के अस्ताना में एससीओ राष्ट्राध्यक्षों के शिखर सम्मेलन से इतर अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की. दोनों नेताओं के बीच बातचीत भारत और चीन के बीच विशेष रूप से वास्तविक नियंत्रण सीमा (एलएसी) के साथ लद्दाख क्षेत्र में चल रहे सीमा विवादों को हल करने पर केंद्रित थी. वांग यी के साथ अपनी मुलाकात के दौरान जयशंकर ने सीमावर्ती क्षेत्रों में शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान की आवश्यकता पर जोर दिया.
दोनों मंत्री सीमावर्ती क्षेत्रों में शेष मुद्दों का शीघ्र समाधान खोजने के लिए "राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से प्रयासों को दोगुना करने" पर सहमत हुए. विदेश मंत्री ने बैठक के बाद अपने ट्विटर हैंडल पर इस खास बैठक को लेकर एक ट्वीट भी किया है. विदेश मंत्री ने कहा कि, "एलएसी का सम्मान करना और सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना जरूरी है.
पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद मई में पांचवें वर्ष में प्रवेश कर गया. 2020 में तनाव तब बढ़ गया जब गलवान घाटी सेक्टर में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच घातक झड़पें हुईं. तब से, दोनों पक्षों ने क्षेत्र में सैन्य तैनाती बढ़ा दी है. जबकि भारत और चीन दोनों कुछ विवादित क्षेत्रों से पीछे हट गए हैं, एलओसी पर कई घर्षण बिंदु अनसुलझे हैं. जयशंकर ने पहले कहा था कि दोनों देशों के बीच सीमा पर चल रहे तनाव ने "हम दोनों के लिए अच्छा नहीं" किया है.
विदेश मंत्री मंगलवार को एससीओ के वार्षिक शिखर सम्मेलन के लिए कजाकिस्तान पहुंचे और दो दिवसीय बैठक से पहले अपने कजाख समकक्ष मूरत नर्टलू से मुलाकात की. दोनों नेताओं ने मध्य एशिया के साथ भारत के बढ़ते जुड़ाव सहित विभिन्न मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया. बता दें कि, सीमा विवाद को लेकर भारत और चीन के बीच रिश्ता अच्छा नहीं है. चीन लगातार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को आक्रामक तरीके से बदलने की कोशिश करता रहता है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीनी समकक्ष के साथ मीटिंग करने के बाद ट्वीट एक किया है. उन्होंने लिखा है "आज सुबह अस्ताना में सीपीसी पोलित ब्यूरो सदस्य और एफएम वांग यी से मुलाकात की. सीमावर्ती क्षेत्रों में शेष मुद्दों के शीघ्र समाधान पर चर्चा की. राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से प्रयासो को दोगुना करने पर सहमति व्यक्त की. एलएसी का सम्मान करना और सुनिश्चित करना. सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और के लिए तीन पारस्परिक संबंध जरूरी है. पारस्परिक सम्मान, पारस्परिक संवेदनशीलता और पारस्परिक हित. उन्होंने कहा कि ये तीनों हमारे द्विपक्षीय संबंधों का मार्गदर्शन करेंगे. First Updated : Thursday, 04 July 2024