Nawaz Sharif On India-Pakistan Relations: एस जयशंकर शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए लगभग 24 घंटे की यात्रा पर मंगलवार को इस्लामाबाद पहुंचे. वह पिछले 9 सालो में पाकिस्तान का दौरा करने वाले पहले भारतीय विदेश मंत्री हैं. यह दौरा ऐसे समय में हुआ है जब दोनों देशों के बीच संबंधों में तनाव जारी है. भारतीय पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत में तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके और सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) के अध्यक्ष नवाज शरीफ ने कहा कि दोनों पक्षों को अब बातचीत करनी चाहिए और आगे बढ़ना चाहिए.
दिसंबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लाहौर की अचानक यात्रा की सराहना करते हुए नवाज शरीफ ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों में 'लंबे समय से जारी ठहराव' से खुश नहीं हैं और उम्मीद जताते हैं कि दोनों पक्षों को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए. 74 वर्षीय नेता ने कहा, हम अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते, न ही पाकिस्तान और न ही भारत. हमें अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए.
एस जयशंकर की यात्रा के बाद नवाज शरीफ ने संवाददाताओं से कहा, 'हमने इस तरह (लड़ाई में) 70 साल बिताए हैं और हमें इसे अगले 70 साल तक नहीं चलने देना चाहिए... दोनों पक्षों को बैठकर चर्चा करनी चाहिए कि आगे कैसे बढ़ना है.' नवाज शरीफ ने दोनों देशों के बीच वर्तमान संचार व्यवस्था के टूटने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को जिम्मेदार ठहराया, विशेष रूप से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ इमरान खान की टिप्पणियों को.
नवाज शरीफ ने सितंबर 2018 में इमरान खान द्वारा मोदी को निशाना बनाकर किए गए एक पोस्ट का हवाला देते हुए कहा, 'इमरान खान ने ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया, जिससे रिश्ते खराब हो गए. दोनों देशों और पड़ोसियों के नेताओं के रूप में, हमें ऐसे शब्दों के बारे में सोचना भी नहीं चाहिए, बोलना तो दूर की बात है. शरीफ ने यह भी कहा कि वह दोनों देशों के बीच पुल बनाने में शामिल होना चाहेंगे और उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापार और क्रिकेट को फिर से शुरू करने के महत्व पर प्रकाश डाला, ताकि रिश्तों में आई बर्फीली बर्फ पिघल सके. First Updated : Friday, 18 October 2024