गाजा पर UNSC में भारत का रुख साफ: कैदियों की रिहाई और युद्ध विराम का आह्वान क्या बोले- भारतीय प्रतिनिधि

India Statement at the UNSC Open Debate: भारत ने एक बार फिर दुनिया के मंच पर गाजा पट्टी में तत्काल और पूर्ण युद्धविराम के लिए अपना आह्वान किया है. दरअसल, राजदूत आर. रविंद्र, चार्ज डीअफेयर्स और डीपीआर ने यूएनएससी ओपन डिबेट में भारत की तरफ से जो भाषण दिया है, उसकी काफी चर्चा हो रही है.

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India Statement at the UNSC Open Debate:  इजरायल और हमास के बीच कई महीनों से युद्ध चल रहा है. जिसमें सैनिक समेत कई नागरिकों की मौत भी हुई. ऐस में अब संयुक्त राष्ट्र में भारत ने गाजा पट्टी में तत्काल और पूर्ण युद्ध विराम के लिए अपना आह्वान किया है और बिना किसी शर्त के बंधकों को रिहा करने को भी कहा है. बुधवार को मध्य पूर्व पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की बहस में अपने भाषण देते हुए, यूएन में भारत के उप प्रतिनिधि, आर रवींद्र ने यह भी कहा कि पिछले कुछ सालों में कई रूपों में फिलिस्तीन को भारत की विकास सहायता लगभग 120 मिलियन अमरीकी डॉलर है.

 उन्होंने कहा, 'भारत उन देशों में से था, जिन्होंने 7 अक्टूबर, 2023 को इजरायल पर हुए आतंकी हमलों की कड़ी निंदा की थी. हमने चल रहे इजरायल-हमास संघर्ष में नागरिकों की जान जाने की भी निंदा की है. हमने संयम, तनाव कम करने का आह्वान किया है और बातचीत और कूटनीति के माध्यम से संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान पर जोर दिया है.'

भारत ने फिर दिखाया दुनिया को आईना

उन्होंने सभी परिस्थितियों में अंतर्राष्ट्रीय कानून और अंतर्राष्ट्रीय मानवीय कानून का पालन करने का निवेदन किया है. राजदूत आर रविन्द्र ने कहा 'हम तत्काल युद्धविराम, सुरक्षित, समय पर और निरंतर मानवीय सहायता साथ ही गाजा पट्टी में राहत और जरूरी मानवीय सेवाओं तक अप्रतिबंधित पहुंच के आह्वान को दोहराते हैं. इसके अलावा, हम सभी बंधकों की तुरंत और बिना शर्त रिहाई का भी आह्वान करते हैं.' उन्होंने कतर और मिस्र जैसे देशों की भूमिका की भी सराहना की, जिन्होंने इजरायल और फिलिस्तीन के नेतृत्व के साथ निरंतर जुड़ाव बनाए रखा.

भारत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए खड़ा

आगे उन्होंने कहा कि भारत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए खड़ा है. 'यह हमारी लंबे समय से चली आ रही स्थिति रही है कि हम दो-राज्य समाधान का समर्थन करते हैं, जिसमें मान्यता प्राप्त और पारस्परिक रूप से सहमत सीमाओं के भीतर एक संप्रभु, व्यवहार्य और स्वतंत्र फिलिस्तीन राज्य की स्थापना शामिल है, जो इजरायल के साथ शांति से रह रहा है. इजरायल की सुरक्षा आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, पिछले महीने जॉर्डन में आयोजित गाजा के लिए तत्काल मानवीय प्रतिक्रिया पर अंतर्राष्ट्रीय उच्च स्तरीय सम्मेलन में वरिष्ठ स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया गया था,'

2.5 मिलियन अमरीकी डॉलर के देने की घोषणा

राजदूत आर. रविंद्र ने कहा कि पिछले कुछ सालों में विभिन्न रूपों में फिलिस्तीन को हमारी विकास सहायता लगभग 120 मिलियन अमरीकी डॉलर है, जिसमें यूएनआरडब्ल्यूए को दिया गया 35 मिलियन अमरीकी डॉलर का योगदान भी शामिल है. भारत 2018 से यूएनआरडब्ल्यूए को 5 मिलियन अमरीकी डॉलर का वार्षिक योगदान दे रहा है. हमने पहले ही 2.5 मिलियन अमरीकी डॉलर के देने की घोषणा कर दी है.


  First Updated : Thursday, 18 July 2024