भारत का पाक पर वार, कहा- हर साल हो रहा कई महिलाओं का धर्मपरिवर्तन और शोषण
UN News:संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान को खरी खोटी सुनाई गई है. पाक फिर से अपने बयानों के जरिए जहर उगलता ही रहता है. भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बहस में कश्मीर मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की और कहा कि उसकी ये हरकत गलत सूचना फैलाने और शरारतपूर्ण उकसावे वाली है.
UN News: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में वार्षिक बहस के दौरान पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर का जिक्र कर भारत के खिलाफ माहौल बनाने का प्रयास किया. भारत ने पाकिस्तान के इस प्रयास की निंदा करते हुए दो टूक जवाब दिया. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि और राजदूत पार्वथानेनी हरीश ने जवाब देने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया.
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बहस में कश्मीर मुद्दा उठाने के लिए पाकिस्तान की आलोचना की और कहा कि उसकी यह हरकत गलत सूचना फैलाने और शरारतपूर्ण उकसावे वाली है. पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि उस देश में हर साल 1000 महिलाओं का शोषण होता है.
कई महिलाएं अपराध का शिकार
पार्वथानेनी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे वैश्विक मंच पर महिलाओं की भूमिका पर हो रही महत्वपूर्ण वार्षिक बहस के दौरान राजनीतिक प्रचार में शामिल होना पूरी तरह से गलत है. उन्होंने कहा, हम जानते हैं कि उस देश में अल्पसंख्यक समुदायों की महिलाओं, विशेष रूप से हिंदुओं, सिखों और ईसाइयों की स्थिति दयनीय है. उस देश के मानवाधिकार आयोग के आंकड़ों के अनुसार, इन अल्पसंख्यक समुदायों की लगभग 1000 महिलाएं हर साल अपहरण, जबरन धर्म परिवर्तन और जबरन विवाह का शिकार होती हैं'.
भारत ने महिला सशक्तिकरण में की प्रगति
पाकिस्तान को आइना दिखाने के अलावा, राजदूत हरीश ने भारत में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित किया. उन्होंने बताया कि भारत ने महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण प्रगति की है, विशेष रूप से शांति स्थापना और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के क्षेत्र में. उन्होंने कहा कि भारत ने महिला, शांति और सुरक्षा (डब्ल्यूपीएस) एजेंडे को लागू करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है. संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में पांचवें सबसे बड़े सैन्य योगदानकर्ता के रूप में, भारत ने पहली बार सभी महिला सैनिकों को तैनात किया है.
महिलाओं की पूर्ण समान
हरीश ने आगे कहा कि जैसे-जैसे हम परिषद 25वीं वर्षगांठ के करीब पहुंच रहे हैं, भारत महिला, शांति और सुरक्षा एजेंडे के प्रति अपनी अटूट प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है. हम मानते हैं कि स्थायी शांति के लिए राजनीति, शासन, संस्था निर्माण, कानून का शासन, सुरक्षा क्षेत्र और आर्थिक सुधार सहित निर्णय लेने के सभी स्तरों पर महिलाओं की पूर्ण समान, सार्थक और सुरक्षित भागीदारी की आवश्यकता होती है.