India-Canada Tension: कनाडा में वीजा प्रोसेसिंग में हो रही देरी भारतीय आवेदकों की चिंता बढ़ा दी है. वीजा एक्सपर्ट सुकांत के अनुसार, लंबी प्रोसेसिंग टाइम का मतलब है कि भारतीय आवेदकों को स्टडी परमिट, वर्क वीजा और परमानेंट रेजीडेंसी आवेदनों पर फैसले का इंतजार करने में अधिक समय लग रहा है, जो उनकी पढ़ाई और नौकरी की योजनाओं को प्रभावित कर रहा है.
कनाडा को भारतीय छात्रों और श्रमिकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य माना जाता रहा है, लेकिन अब भारतीय आवेदकों को वीजा प्राप्त करने में लंबे इंतजार का सामना करना पड़ रहा है. इस समय लगभग 25 लाख वीजा आवेदन पेंडिंग हैं, जिनमें से 11 लाख मामले ऐसे हैं जिनमें देरी हो रही है. इनमें से कुछ लोग कनाडा में शादी, कारोबार और अन्य कारणों से जाना चाहते हैं, लेकिन वीजा न मिलने से उनकी योजनाएं प्रभावित हो रही हैं.
परमानेंट रेजीडेंसी (पीआर) के लिए भी बड़ी संख्या में आवेदन लंबित हैं. वर्तमान में 3,05,200 पीआर आवेदन बैकलॉग में हैं, जिनमें अधिकतर पंजाबी समुदाय के लोग हैं. अस्थायी रेजीडेंसी के लिए 7,53,700 आवेदन पेंडिंग हैं. इस देरी के कारण भारतीय छात्रों के लिए पढ़ाई का समय पर शुरू होना मुश्किल हो गया है और भारतीय वर्कर्स के लिए कंपनियों में जॉइनिंग में देरी हो रही है.
राजनयिक विवाद ने इन चुनौतियों को और बढ़ा दिया है, अब भारतीय आवेदकों को यह भी नहीं पता कि उनके आवेदन पर कब फैसला होगा. जालंधर के व्यापारी नीरज मल्होत्रा ने चार महीने पहले वीजा के लिए आवेदन किया था, लेकिन अब तक उनका वीजा नहीं आया. वे मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं, क्योंकि आमतौर पर टूरिस्ट वीजा का फैसला दो महीने में हो जाता था.
कनाडा में इमिग्रेशन के मामलों की बढ़ती संख्या के कारण स्थिति और जटिल हो गई है. एडमिंटन में वीजा एक्सपर्ट परविंदर मोंटू के अनुसार, कनाडा के इमिग्रेशन, रिफ्यूजी एंड सिटीजनशिप विभाग के पास 10,97,000 आवेदन लंबित हैं. 30 सितंबर तक कनाडा में नागरिकता, स्थायी नागरिकता और अस्थायी नागरिकता के लिए कुल 24,50,600 आवेदन प्रोसेसिंग में थे, जिनमें बहुसंख्यक पंजाबी समुदाय के लोग हैं. इस असमंजस की स्थिति ने भारतीयों को मानसिक और भावनात्मक तनाव में डाल दिया है, और उनकी भविष्य की योजनाओं को प्रभावित किया है. First Updated : Wednesday, 27 November 2024