India Canada Row: कनाडा के 2 गैंगस्टरों ने खोली ट्रूडो की गंदी खेल का पोल! किया ये बड़ा खुलासा
India Canada Row: कनाडा के दो गैंगस्टरों ने रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या की बात स्वीकार की है. इन दोनों गैंगस्टरों ने निज्जर की हत्या के पीछे की सच्चाई को भी उजागर किया है. ये घटनाएं न केवल गैंगस्टर वारदातों से जुड़ी हैं, बल्कि ये कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की राजनीति का भी हिस्सा बन गई हैं.
India Canada Row: कनाडा और भारत के बीच विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस बीच साल 1985 में एयर इंडिया कनिष्क बम धमाके के आरोपी रिपुदमन सिंह मलिक की हत्या के मामले में दो गैंगस्टरों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है. 21 अक्टूबर को इन गैंगस्टरों ने स्वीकार किया कि उन्होंने जुलाई 2022 में मलिक की हत्या की थी. इन दोनों गैंगस्टरों ने ट्रूडो की गंदी राजनीति का भी पर्दाफाश किया है जिसके बाद भारत और कनाडा के बीच चल रहे विवाद और बढ़ा गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, मलिक और निज्जर की हत्याएं उन गिरोहों से जुड़ी हुई हैं जिन्हें ट्रूडो सरकार ने पनपने में मदद की थी. हरदीप सिंह निज्जर की हत्या गुरुद्वारे की पार्किंग में हुई थी, और इसके लिए भी ट्रूडो ने भारत को जिम्मेदार ठहराया था. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि कनाडाई पुलिस, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी), मलिक की हत्या में भी भारत की भूमिका की जांच कर रही थी.
सीबीसी की रिपोर्ट में हुआ ये खुलासा
21 अक्टूबर को, फॉक्स और लोपेज ने मलिक की हत्या के मुकदमे की शाम पर दोषी याचिका दायर की. सीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, जांचकर्ताओं को विश्वास नहीं है कि इन गैंगस्टरों को सीधे भारतीय राजनयिकों द्वारा अनुबंधित किया गया था. यह स्पष्ट है कि इनके पास ऐसा कोई कारण नहीं था. जहां मलिक को 2005 में कनिष्क बम विस्फोट मामले में सबूतों की कमी के कारण छोड़ दिया गया था. जबकि, साल 2022 में, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "सिख समुदाय के लिए सेवाओं" के लिए प्रशंसा और धन्यवाद करते हुए एक पत्र लिखा था, जिसमें करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन और 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े मामलों में न्याय दिलाने का आश्वासन भी शामिल था.
मलिक का भारत समर्थक रुख
रिपुदमन सिंह मलिक ने 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर "सिख समुदाय के लिए सेवाओं" के लिए धन्यवाद दिया था. इससे यह संभावना बढ़ गई है कि मलिक के भारत समर्थक रुख ने खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर जैसे लोगों को नाराज किया. रिपोर्टों से यह भी पता चला है कि मलिक और निज्जर के बीच सिखों की पवित्र पुस्तक श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छपाई को लेकर झगड़ा हुआ था. मलिक को कनाडा में इस पुस्तक की छपाई के अधिकार प्राप्त थे, जिससे निज्जर और गुरुद्वारे के पूर्व अध्यक्ष मोनिंदर सिंह बॉयल नाराज हो गए थे.
बेअदबी के आरोप और गिरोहों की साजिश
सितंबर 2023 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार, निज्जर और बॉयल ने मलिक के खिलाफ साजिश रची और बेअदबी के आरोप लगाते हुए उनकी प्रिंटिंग प्रेस की प्रतियां जब्त कर ली. उन्होंने कट्टरपंथी सिख गिरोह के साथ मिलकर मलिक को 'कौम का गद्दार' बताते हुए पर्चे छापे और बांटे.
विवाद का असली जड़
मलिक 1985 में एयर इंडिया बम विस्फोट का आरोपी था, लेकिन सबूतों के अभाव में उसे बरी कर दिया गया था. उसके बाद से वह भारत सरकार की प्रशंसा कर रहा था, जो निज्जर जैसे खालिस्तानी तत्वों को पसंद नहीं आया. रिपोर्टों के अनुसार, मलिक और निज्जर के बीच सिखों की पवित्र पुस्तक श्री गुरु ग्रंथ साहिब की छपाई को लेकर भी झगड़ा हुआ था. वहीं मलिक के परिवार का मानना है कि उनकी हत्या एक कॉन्ट्रैक्ट किलिंग थी और वे न्याय की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि हत्या के पीछे के असली आरोपियों को सामने लाना जरूरी है.
ट्रूडो की गंदी राजनीति
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर आरोप है कि वे वोट बैंक की राजनीति के लिए खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत को खलनायक के रूप में पेश कर रहे हैं. रिपोर्टों के अनुसार, ट्रूडो पिछले साल से इस गंदी राजनीति में जुटे हुए हैं, जिसमें उन्होंने बिना कोई सबूत दिए भारत पर आरोप लगाए हैं.