India-China Relation News: भारत-चीन की तनातनी खत्म होने से खुश है अमेरिका? बता दी अपने दिल की बात
India-China Relation News: अमेरिका ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले बिंदुओं से भारतीय और चीनी सैनिकों के पीछे हटने का स्वागत किया, लेकिन स्पष्ट किया कि इस मामले पर नई दिल्ली के संपर्क में रहने के बावजूद उसने भारत और चीन के बीच सीमा संघर्ष के समाधान में कोई भूमिका नहीं निभाई.
India-China Relation News: अमेरिका ने मंगलवार को पूर्वी लद्दाख में टकराव वाले बिंदुओं से भारतीय और चीनी सैनिकों के पीछे हटने का स्वागत किया, लेकिन स्पष्ट किया कि इस मामले पर नई दिल्ली के संपर्क में रहने के बावजूद उसने भारत और चीन के बीच सीमा संघर्ष के समाधान में कोई भूमिका नहीं निभाई.
वाशिंगटन डीसी में एक ब्रीफिंग में उन्होंने कहा, "हम घटनाक्रम पर बारीकी से नज़र रख रहे हैं और हम समझते हैं कि दोनों देशों ने वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव वाले बिंदुओं से सैनिकों को वापस बुलाने के लिए शुरुआती कदम उठाए हैं. हम सीमा पर तनाव में किसी भी कमी का स्वागत करते हैं. हमने अपने भारतीय साझेदारों से बात की है और इस पर जानकारी ली है, लेकिन हमने इस समाधान में कोई भूमिका नहीं निभाई है."
भारत अमेरिका का करता रहा है मदद
अमेरिका की यह प्रतिक्रिया भारत द्वारा पिछले सप्ताह घोषणा किए जाने के बाद आई है कि उसने पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त को लेकर चीन के साथ समझौता कर लिया है, जो चार साल से अधिक समय से चल रहे सैन्य गतिरोध को समाप्त करने में एक बड़ी सफलता है, जो मई 2020 में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक टकराव के बाद शुरू हुआ था.
चीन ने भी गश्त समझौते की पुष्टि की
चीन ने भी गश्त समझौते की पुष्टि की है और कहा है कि "प्रासंगिक मामलों" पर समाधान हो चुका है तथा वह इन प्रस्तावों को क्रियान्वित करने के लिए नई दिल्ली के साथ मिलकर काम करेगा. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि देपसांग और डेमचोक में गश्त और पीछे हटने पर सहमति बन गई है. उन्होंने कहा कि पीछे हटने के बाद एलएसी पर गश्त शुरू होगी और सीमा पर गतिरोध शुरू होने से पहले अप्रैल 2020 जैसी व्यवस्था बहाल होगी.
सीमा समझौते का स्वागत किया
जयशंकर ने कहा कि एलएसी पर गश्त को लेकर चीन के साथ हुए महत्वपूर्ण समझौते का मतलब यह नहीं है कि दोनों देशों के बीच मुद्दे सुलझ गए हैं. 23 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रूस के कज़ान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान पांच वर्षों के बाद द्विपक्षीय वार्ता की , जहां उन्होंने सीमा समझौते का स्वागत किया.
सैनिकों की वापसी शुरू
रक्षा सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि भारत और चीन ने डेमचोक और देपसांग मैदानों में दो टकराव बिंदुओं पर सैनिकों की वापसी शुरू कर दी है और यह प्रक्रिया लगभग पूरी हो चुकी है. भारतीय सेना और चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) दोनों वर्तमान में एलएसी के साथ संवेदनशील क्षेत्रों में कर्मियों की वापसी और सैन्य बुनियादी ढांचे को खत्म करने की पुष्टि कर रहे हैं.