Global South Political: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत अफ्रीकी महाद्वीप के भविष्य को लेकर आश्वस्त है. साथ ही जब इस महाद्वीप को इंसाफ नहीं मिल जाता है तो दुनिया तब तक पुनर्संतुलन नहीं होगी और बहुध्रुवीय दृष्टिकोण भी तैयार नहीं होगा. नाइजीरिया-भारत व्यापार परिषद (NIBC) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि नई आर्थिक व्यवस्था में अगर पुनर्संतुलन लाना है तो इसकी बुनियाद में आर्थिक प्रगति होनी चाहिए तभी अफ्रीका का आर्थिक उत्थान होगा.
उन्होंने साफतौर से कहा कि कोई व्यवस्था हो वह विकल्प जरूर देती है, लेकिन जब दूसरों के लिए बाजार बनकर और संसाधनों का प्रदाता बनकर आप कभी प्रगति के रास्ते पर ऊपर नहीं जा सकते हो. जयशंकर ने कहा कि 21वीं सदीं में अफ्रीकाई देशों का उदय हो रहा है और भारत इस उदय को लेकर आश्वस्त है. विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अफ्रीकाई देशों से इसलिए आश्वस्त है क्योंकि वह जनसांख्यिकी, संसाधनों और महत्वाकांक्षा के मामले में तेजी से आगे बढ़ता जा रहा है.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि अफ्रीका अपने काम को इसलिए आगे बढ़ा रहा है क्योंकि सकारात्मक भविष्य की ओर ले जा रहा है. उन्होंने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि हरित एवं स्वच्छ विकास, पानी, डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचा, समुद्री अर्थव्यवस्था और कृषि स्थिरता एवं सुरक्षा जैसे कई क्षेत्रों में भारत और अफ्रीका के बीच साझेदारी बन सकती है. बता दें कि जयशंकर युगांडा में आयोजित गुटनिरपेक्ष आंदोलन के कार्यक्रम में शामिल होने के बाद नाइजीरिया पहुंचे हैं.
जयशंकर का कहना है कि भारत और नाइजीरिया के बीच हर वर्ष करीब 13 से 15 अरब अमेरिकी डालर का व्यापार होता है, साथ ही भारत ने नाइजीरिया में 30 अरब अमेरिकी डॉवर इंवेस्ट करने की योजना बनाई है. जिस पर बातचीत चल रही है. उन्होंने कहा कि अफ्रीका में नाइजीरिया भारत का प्रमुख व्यापारिक देश है. First Updated : Wednesday, 24 January 2024