भारत की कूटनीतिक जीत! कतर में जासूसी के आरोप में फंसे नौसेना के 8 पूर्व अफसर हुए रिहा... सुनाई गई थी मौत की सजा
Qatar Dahra Global Case: 8 पूर्व सैनिकों को राजनयिक स्तर पर बातचीत के बाद रिहा कर दिया गया है, अब उन्हें भारत लाने के लिए तैयारी की जा रही है. बताया जा रहा है कि सात पूर्व सैनिक स्वदेश लौट चुके हैं.
Qatar Dahra Global Case: कतर में 8 भारतीय नौसैनिकों को जासूसी के आरोप में मिली मौत की सजा के बाद अब उनकी सजा पर रोक लगा दी गई है. नई दिल्ली के राजनयिक हस्तक्षेप के बाद मृत्युदंड पर रोक लगा दी गई है. बताया जा रहा है कि यह भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत है. नौसेना अधिकारियों के परिवारों के लोगों को रिहाई की खबर सुनकर बहुत खुश हैं. न्यूज एजेंसी के अनुसार सात लोग भारत लौट चुके हैं और एक अन्य पूर्व सैनिक को लेकर मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही कानूनी सहायता से उन्हें स्वदेश लाएगा जाएगा.
भारत सरकार ने किया रिहाई का स्वागत
विदेश मंत्रालय (MEA) ने सोमवार को एक आधिकारिक बयान के माध्यम से जानकारी दी कि आठ पूर्व नौसेना अधिकारियों में से सात पहले ही भारत लौट चुके हैं. केंद्र सरकार ने एक आधिकारिक बयान जारी कर कहा कि दाहरा ग्लोबल कंपनी के लिए काम करने वाले आठ भारतीय नागरिकों की रिहाई करने का भारत सरकार स्वागत करती है, जिन्हें कतर में हिरासत में लिया गया था. हम इन नागरिकों की रिहाई और घर वापसी को सक्षम करने के लिए कतर राज्य के अमीर के फैसले की सराहना करते हैं.
#WATCH | Delhi: Qatar released the eight Indian ex-Navy veterans who were in its custody; seven of them have returned to India. pic.twitter.com/yuYVx5N8zR
— ANI (@ANI) February 12, 2024
स्वदेश लौटने के बाद लगाए भारत माता की जय के नारे
भारत में लौटने के बाद पूर्व सैनिकों ने कहा कि पीएम मोदी के हस्तक्षेप के बिना यह रिहाई पॉसिबल नहीं थी, सभी अधिकारियों ने देश लौटने के बाद एयरपोर्ट पर ही भारत माता की जय के नारे लगाए. इसके साथ ही पूर्व अधिकारी ने प्रधानममंत्री मोदी समेत कतर के अमीर का शुक्रिअदा किया. बता दें कि आठ भारतीय नागरिक अक्टूबर 2022 से कतर में कैद थे और उन पर पनडुब्बी में कथित रूप से जासूसी और भ्रष्टाचार के मामले में आरोप लगा था. इसके बात कतर की एक अदालत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. इसके बाद भारत सरकार ने इस मामले को गंभीरता को लेने के साथ लगातार सरकार से बातचीत करने के साथ कानूनी तरीके से भी इसके समाधान ढूंढने की कोशिश में लग गई थी.
पीएम मोदी ने की थी शुरुआत
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने दुबई में COP28 शिखर सम्मेलन के मौके पर कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी से मुलाकात की और द्विपक्षीय साझेदारी के साथ कतर में रहने वाले 'भारतीय समुदाय की भलाई' पर चर्चा की. इससे पहले विदेश मंत्रालय के नवनियुक्त प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस अवधि के अस्थायी महत्व पर जोर देते हुए कहा, जहां तक मुद्दे का सवाल है, 60 दिनों का समय है जब इस मुद्दे पर कोर्ट ऑफ कैसेशन (कतर का सर्वोच्च न्यायालय है) अपील की जा सकती है.