शेख हसीना को वापस नहीं भेजेगा , बांग्लादेश की प्रत्यर्पण मांग के बीच बढ़ाया वीजा

Sheikh Hasina: भारत सरकार ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना का वीजा बढ़ा दिया है. यह फैसला उस समय आया है जब बांग्लादेश सरकार ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग तेज कर दी. बांग्लादेश सरकार ने हाल ही में शेख हसीना सहित कई अन्य लोगों के पासपोर्ट रद्द किए हैं. हसीना भारत में पिछले वर्ष अगस्त से रह रही हैं, जब बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के चलते उनकी सरकार गिर गई थी.

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Sheikh Hasina: भारत सरकार ने बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के वीजा की अवधि बढ़ा दी है. यह फैसला उस समय आया है जब बांग्लादेश सरकार ने शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग तेज कर दी है. गृह मंत्रालय द्वारा इस फैसले के बाद विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (FRRO) ने उनका वीजा बढ़ा दिया है, जिससे उनका भारत में ठहरना सुनिश्चित हो गया है.

77 वर्षीय शेख हसीना पिछले वर्ष 5 अगस्त को बांग्लादेश से भागकर भारत आई थीं. यह कदम छात्रों के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन और सरकार के पतन के बाद उठाया गया था.

बांग्लादेश ने रद्द किया शेख हसीना का पासपोर्ट

मंगलवार को बांग्लादेश सरकार ने शेख हसीना का पासपोर्ट रद्द कर दिया. इसके साथ ही जबरन गायब किए गए लोगों और जुलाई में हुई हत्याओं में कथित संलिप्तता के चलते अन्य लोगों के पासपोर्ट भी रद्द किए गए हैं. मुख्य सलाहकार के उप प्रेस सचिव अबुल कलाम आज़ाद मजूमदार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया, "जबरन गायब किए गए 22 लोगों और जुलाई में हुई हत्याओं में शामिल 75 लोगों के पासपोर्ट रद्द कर दिए गए हैं. इसमें शेख हसीना का नाम भी शामिल है."

आईसीटी ने जारी किया गिरफ्तारी वारंट

बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने शेख हसीना और उनके कई पूर्व कैबिनेट मंत्रियों, सैन्य अधिकारियों और नागरिक अधिकारियों के खिलाफ मानवता के विरुद्ध अपराध और नरसंहार के लिए गिरफ्तारी वारंट जारी किया है.

भारतीय कानून के तहत नहीं हो सकता प्रत्यर्पण

भारत के पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल विकास सिंह ने एएनआई को बताया कि राजनीतिक अपराध के लिए किसी को भी प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा, "भारत राजनीतिक अपराधों के आरोपियों को प्रत्यर्पित करने का अधिकार नहीं रखता. इसके अलावा, अनुरोध करने वाले देश में सजा भारत के समान अपराधों के लिए निर्धारित सजा से अधिक नहीं होनी चाहिए."

वारंट को प्रभावी बनाने की प्रक्रिया

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश का अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण घरेलू कानूनों के तहत संचालित होता है. गिरफ्तारी वारंट को प्रभावी बनाने के लिए भारत से प्रत्यर्पण जरूरी है. यह प्रक्रिया भारतीय अदालतों के माध्यम से पूरी की जाती है.  First Updated : Wednesday, 08 January 2025