FATF Report: वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (FATF) की गुरुवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार, भारत को जम्मू और कश्मीर में सक्रिय आतंकी समूहों से वित्तपोषण का खतरा है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में धन शोधन का मुख्य स्रोत देश के भीतर की अवैध गतिविधियां हैं. इसमें कहा गया है कि देश को अलग-अलग तरह के आतंकी खतरों का सामना करना पड़ रहा है जिनमें सबसे प्रमुख रूप से आईएसआईएल (इस्लामिक स्टेट या आईएसआईएस) या अलकायदा से जुड़े समूह (अलकायदा) हैं जो जम्मू-कश्मीर और उसके आसपास के इलाकों में सक्रिय हैं.
वैश्विक नियामक संस्था ने अपनी नई रिपोर्ट में भारत के धन शोधन मामलों की जांच और माध्यम को प्रभावी करार दिया है. एफएटीएफ की रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले पांच सालों में भारत में मनी लॉन्ड्रिंग के मामलों में संवैधानिक चुनौतियों और बोझिल न्यायिक प्रणाली के कारण दोषसिद्धि के मामले प्रभावित हुए हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की अदालतों में लंबित मामलों की संख्या बहुत ज़्यादा है जिसके कारण कई मामले सालों से लंबित हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि ईडी ने पिछले पांच वर्षों में संदिग्ध वित्तीय अपराधियों से €9.3 बिलियन ($10.4 बिलियन) की संपत्ति जब्त की है लेकिन दोषसिद्धि के बाद जब्त की गई संपत्ति की राशि $5 मिलियन से कम है. रिपोर्ट में कहा गया है महत्वपूर्ण है कि भारत इन मुद्दों पर सख्ती से ध्यान दे क्योंकि आरोपी व्यक्ति मामलों की सुनवाई और अभियोजन के निष्कर्ष की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
FATF की रिपोर्ट में माना गया है कि भारत ने मनी लॉन्ड्रिंग (AML) और आतंकवाद के वित्तपोषण से निपटने (CFT) के लिए प्रभावी प्रणाली लागू की है. हालांकि, रिपोर्ट में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण के मामलों में बड़े सुधार की बात कही गई हैं. रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि गैर-लाभकारी क्षेत्र को आतंकवादी दुरुपयोग से बेहतर सुरक्षा प्रदान करने की आवश्यकता है. First Updated : Thursday, 19 September 2024