'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत भूकंप पीड़ित म्यांमार की जमकर मदद कर रहा भारत, भारी संख्या में भेजी गई है टीम
भारत की तरफ से 118 सदस्यीय मेडिकल टीम आवश्यक चिकित्सा आपूर्ति के साथ म्यांमार के लिए रवाना की गई है. यह टीम एयरबोर्न एंजल्स टास्क फोर्स के रूप में कार्य करेगी और आपदा-प्रभावित क्षेत्रों में उन्नत चिकित्सा और सर्जरी सेवाएं प्रदान करने में सक्षम है.

India helping Myanmar: भारत ने म्यांमार में 28 मार्च को आए भूकंप के बाद तत्काल सहायता भेजी है. इस सहायता का हिस्सा 'ऑपरेशन ब्रह्मा' था, जिसके तहत दो भारतीय नौसैनिक जहाज म्यांमार भेजे गए हैं. साथ ही भारतीय सेना की 118 सदस्यीय मेडिकल टीम भी भेजी गई है, जिसका लेफ्टिनेंट कर्नल जगनीत गिल नेतृत्व कर रहे हैं. इस टीम का नाम शत्रुजीत ब्रिगेड मेडिकल रिस्पॉन्डर्स रखा गया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने बताया कि राहत कार्यों के लिए एक और फील्ड अस्पताल शनिवार को एयरलिफ्ट किया जाएगा और दो और नौसैनिक जहाजों को भी म्यांमार भेजने की योजना है. इसके साथ ही राहत सामग्री और आपदा राहत दल हवाई मार्ग से भेजे जा रहे हैं. इसके अलावा भारतीय सेना एक 60-बेड का मेडिकल ट्रीटमेंट सेंटर स्थापित करेगी, ताकि आपदा प्रभावित लोगों को तत्काल चिकित्सा सहायता मिल सके और स्थानीय स्वास्थ्य व्यवस्था को समर्थन मिल सके, जो भूकंप के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई है.
India has sent 15 tons of relief material to Myanmar 694 dead 1,670 injured 240+ buildings collapsed Thailand.
— Dr Vivek Pandey (@Vivekpandey21) March 29, 2025
IAF's aircraft has departed with relief material India stands with its neighbors in crisis 🇮🇳🤝#earthquake #Myanmarquake #MyanmarEarthquake #แผ่นดินไหว #ตึกถล่ม pic.twitter.com/nbDLZ76IIW
एनडीआरएफ टीम चलाएगी रेस्क्यू ऑपरेशन
एनडीआरएफ की टीम भी म्यांमार भेजी गई है, जो बचाव कार्यों में मदद करेगी. गाजियाबाद स्थित 8वीं बटालियन के कमांडेंट पीके तिवारी के नेतृत्व में एक अर्बन सर्च एंड रेस्क्यू (USAR) टीम म्यांमार भेजी गई है, जो अत्याधुनिक उपकरणों जैसे कंक्रीट कटर, ड्रिल मशीन और हैमर का उपयोग कर मलबे में फंसे लोगों को निकालने का काम करेगी. एनडीआरएफ उप महानिरीक्षक मोहसिन शाहेदी ने बताया कि अगले 24 से 48 घंटे इस संकट के समय में बचाव कार्यों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होंगे.
नेबर फर्स्ट के सिद्धांत पर भारत
भारत की यह सहायता 'नेबर फर्स्ट' सिद्धांत और 'वसुधैव कुटुम्बकम' की अवधारणा को प्रदर्शित करती है. भारत की सेना संकट के समय में हमेशा अपने मित्र देशों के साथ खड़ी रहती है, और यह तैनाती म्यांमार में भारतीय सेना और अधिकारियों के साथ समन्वय में की गई है.