'भारत AI के क्षेत्र में दुनिया को छोड़ रहा पीछे,' सैम आल्टमैन ने कहा- भारत में हुआ तकनीकी विस्फोट
साल 2023 में आल्टमैन ने भारत के लिए कुछ नकारात्मक टिप्पणियां की थीं, जब उन्होंने कहा था कि भारत के पास OpenAI के ChatGPT जैसे मौलिक मॉडल को विकसित करने की क्षमता "पूर्ण रूप से निराशाजनक" थी.

OpenAI के सीईओ सैम आल्टमैन ने बुधवार को भारत में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के तेजी से अपनाए जाने की सराहना की. उन्होंने इसे देखकर बेहद उत्साह व्यक्त किया और कहा कि भारत में AI की जो क्रिएटिविटी और विकास हो रहा है, वह अद्वितीय है. आल्टमैन ने अपने X पर किए गए पोस्ट में कहा, "भारत में AI के क्षेत्र में जो हो रहा है, उसे देखना अविश्वसनीय है. हम इस क्रिएटिविटी के विस्फोट को देखकर खुश हैं – भारत दुनिया को पीछे छोड़ रहा है."
फरवरी में आल्टमैन ने भारत को केवल AI के लिए ही नहीं, बल्कि OpenAI के लिए भी एक महत्वपूर्ण बाजार के रूप में पहचान दी थी. उन्होंने कहा था कि भारत OpenAI का दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन चुका है और पिछले एक साल में कंपनी के उपयोगकर्ताओं की संख्या यहां तीन गुना बढ़ चुकी है. यह टिप्पणी उनकी भारत यात्रा के बाद आई है, जब उन्होंने भारत के AI विकास की दिशा में बदलाव की बात की थी.
इससे पहले 2023 में आल्टमैन ने भारत के लिए कुछ नकारात्मक टिप्पणियां की थीं, जब उन्होंने कहा था कि भारत के पास OpenAI के ChatGPT जैसे मौलिक मॉडल को विकसित करने की क्षमता "पूर्ण रूप से निराशाजनक" थी. हालांकि, बाद में उन्होंने यह स्पष्ट किया था कि उनकी टिप्पणी का उद्देश्य केवल AI के स्थापित दिग्गजों के मुकाबले भारत के लिए लागत-कुशल मौलिक मॉडलों के विकास में आने वाली कठिनाइयों को लेकर था. आल्टमैन ने कहा, "यह एक विशिष्ट समय था जब कुछ सीमाएं थीं. हालांकि अब हम ऐसी दुनिया में हैं, जहां प्रगति काफी तेज हुई है."
भारत में तकनीकी प्रगति
आल्टमैन ने भारत की तकनीकी प्रगति की सराहना करते हुए कहा कि यह देश AI क्षेत्र में एक प्रमुख नेता बन सकता है. उन्होंने यह भी बताया कि भारत में AI के विभिन्न स्तरों पर विकास हो रहा है, जैसे कि चिप्स, मॉडल्स, और अन्य अनुप्रयोगों में. उनका मानना है कि भारत AI क्रांति का एक प्रमुख हिस्सा बन सकता है और इस दिशा में अधिक प्रयास करने चाहिए.
भारत में AI का फ्यूचर
उन्होंने AI की कीमतों के संबंध में भी बात की और बताया कि आने वाले एक साल में AI मॉडल विकसित करने की लागत में 10 गुना कमी आ सकती है. इस तरह, भारत में AI के विकास को लेकर आशावादी दृष्टिकोण व्यक्त किया गया है. आल्टमैन ने कहा कि यह तकनीक अब पहले से कहीं अधिक सस्ती हो रही है, और इसके जरिए भारत जैसी अर्थव्यवस्थाओं में नवाचार की संभावनाएं और भी बढ़ सकती हैं.