India-Maldives Row: मालदीव के मामले पर भारतीय विदेश मंत्री ने कहा, 'इस बात की गारंटी नहीं कि हर कोई हमारा साथ दे'
India-Maldives Row: मालदीव और भारत के बीच जो तनाव चल रहा है उस पर भारतीय विदेश मंत्री का बयान सामने आया है. उन्होंने इस मुद्दे पर पहली बार कुछ बोला है.
India-Maldives Row: मालदीव के साथ चल रहे राजनयिक तनाव पर, भारतीय विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर ने हाल ही में कहा कि 'इस बात की कभी गारंटी नहीं दी जा सकती कि भारत को हर बार सभी देशों का समर्थन मिलेगा.' एस जयशंकर महाराष्ट्र के नागपुर में एक टाउन हॉल बैठक में बोल रहे थे, जहां उन्होंने एक मजबूत वैश्विक संबंध बनाने की कोशिश में पिछले दशक में भारत की व्यापकता पर भी बात की.
एस जयशंकर ने क्या कहा?
मालदीव ने वहां पर मौजूद भारतीय सैनिकों को देश छोड़ने के लिए कह दिया है. मालदीव तनाव पर अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने कहा कि इसकी गारंटी नहीं दी जा सकती कि हर देश हर वक्त भारत का समर्थन करेगा या उससे सहमत होगा.
विदेश मंत्री ने कहा, 'राजनीति तो राजनीति है, मैं इसकी गारंटी नहीं दे सकता कि हर देश में, हर दिन, हर कोई हमारा समर्थन करेगा या हमसे सहमत होगा.
अन्य देशों के साथ अच्छे राजनयिक संबंध बनाए रखने के भारत के प्रयासों के बारे में एस जयशंकर ने कहा कि पीएम मोदी की सरकार के तहत देश राजनीतिक संबंधों में उतार-चढ़ाव के बावजूद लोगों के बीच सकारात्मक भावनाओं को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.'
दूसरे देशों के विकास में भारत की भागीदारी
दूसरे देशों में बुनियादी ढांचे के विकास में भारत की भागीदारी का भी जिक्र करते हुए एस जयसंकर ने कहा कि 'आज हम दूसरे देशों में सड़क, बिजली, ट्रांसमिशन, ईंधन आपूर्ति, व्यापार पहुंच और निवेश उपलब्ध कराने के लिए काम कर रहे हैं. ये सभी उन चीज़ों का हिस्सा हैं जिनके ज़रिए रिश्ते बनते हैं, उन्होंने कहा, 'कभी-कभी चीजें ठीक नहीं होती हैं और तब आपको लोगों को चीजों को वहां वापस लाने के लिए मनाना पड़ता है जहां उन्हें होना चाहिए.'
भारत-मालदीव का क्या है मामला?
नए साल के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप गए थे जहां की उन्होंने कई फोटो पोस्ट की थी. इसके बाद मालदीव के कुछ मंत्रियों ने भारत और पीएम मोदी को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर की. यहीं से सारा मामला शुरू हुआ.