Iran-Israel: इजरायल के ऊपर ईरान के ड्रोन हमले और इसके बाद इन दोनों के बीच बढ़ते विवाद के कारण भारत ने अपनी चिंता व्यक्त की है. दरअसल इस चिंता का विषय भारत की सुरक्षा, राजनीति और अर्थव्यवस्था हैं. अगर ईरान और इजरायल की लड़ाई बढ़ती है तो भारत की अर्थव्यवस्था बिगड़ सकती है. दरअसल इन दोनों देशों को मिलाकर देखा जाए तो करीब 30 हजार के आस-पास भारतीय वहां रहते हैं. वहीं इनकी सुरक्षा को देखते हुए भारतीय दूतावास ने ये सुनिश्चित किया कि वह लगातार उनके संपर्क में बने हुए हैं.
ईरान-इजरायल देशों में भारतीय कंपनियां
आपको बता दें कि ईरान में भारत के व्यापार, निवेश के साथ विकास के कई क्षेत्रों में अच्छे संबंध हैं. ईरान के साथ भारत के व्यापार, चावल, फार्मास्यूटिकल्स के साथ-साथ मशीनरी, आभूषण जैसे आयात-निर्यात शामिल हैं. भारत की कंपनी इन देशों में अपना कारोबार कर रही है. ईरान और इजरायल की लड़ाई अगर बढ़ती है तो इन सारी कंपनियों को अधिक नुकसान उठाना पड़ सकता है. क्योंकि भारत के साथ ईरान के रिश्ते हमेशा से अच्छे रहे हैं. दरअसल भारत ईरान और इजरायल दोनों के साथ अच्छे रिश्ते रखना चाहता है.
खाड़ी देशों में 90 लाख भारतीय
मध्यप्रदेश के खाड़ी के ( कुवैत, बहरीन, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात) देशों में करीब 90 लाख भारतीय अपना जीवन-यापन कर रहे हैं. जिनमें ईरान के 10 हजार, इजरायल के 18 हजार लोग रहते हैं. पूरे दुनिया की अगर गणना की जाए तो भारत की लगभग 3 करोड़ आबादी अन्य देशों में रह रही है.
ईरान और इजरायल में थी बहुत दोस्ती
साल 1979 में ईरान और इजरायल के बीच राजनयिक और आर्थिक रिश्ते थे. साथ ही तेल और हथियारों के हमेशा सौदे किए जाते थे. इसी बीच इराक के साथ ईरान के युद्ध के कारण दोनों देशों में तनाव की स्थिति पैदा हो गई. इसके बाद धीरे -धीरे ये तनाव इतना बढ़ गया कि साल 2005 में ईरान के राष्ट्रपति ने बयान दिया कि विश्व से इजराइल का मानचित्र हटा देना चाहिए. First Updated : Monday, 15 April 2024